राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। 9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी गठबंधन (INDIA) के प्रत्याशी जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए। इस प्रकार राधाकृष्णन ने 152 मतों के अंतर से यह जीत दर्ज की।
चुनाव परिणामों की घोषणा राज्यसभा के महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी ने की। उन्होंने बताया कि निर्वाचक मंडल के कुल 782 सदस्यों में से 767 सांसदों ने मतदान किया। इनमें से 15 वोट अमान्य करार दिए गए। उपराष्ट्रपति चुने जाने के लिए 392 वोटों की आवश्यकता थी, जिसे एनडीए उम्मीदवार ने आसानी से पार कर लिया।
एनडीए खेमे को इस चुनाव में अतिरिक्त मजबूती विपक्ष से मिली क्रॉस वोटिंग से भी हासिल हुई। भाजपा ने दावा किया है कि विपक्षी खेमे से कई एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। आंकड़ों के अनुसार एनडीए के पास अपने सहयोगी दलों सहित 427 वोट थे। वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों के समर्थन से यह संख्या 438 तक पहुंच गई लेकिन NDA उम्मीदवार राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जिसका अर्थ है कि विपक्ष के कम से कम 14 सांसदों ने अंतरात्मा की आवाज पर NDA उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया।
वहीं कांग्रेस ने दावा किया था कि INDIA गठबंधन के पास 315 सांसदों का समर्थन है। लेकिन वास्तविकता में उनके उम्मीदवार को केवल 300 वोट ही प्राप्त हुए। इस प्रकार विपक्षी गठबंधन को 15 मतों का घाटा उठाना पड़ा। इस चुनाव में बीजेडी और बीआरएस जैसे दलों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल के इकलौते सांसद ने पंजाब में बाढ़ की स्थिति का हवाला देते हुए मतदान नहीं किया।
इस मतदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत 760 से अधिक सांसदों ने अपने मत का प्रयोग किया। उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में किसी भी दल की ओर से व्हिप जारी नहीं किया जाता है और गुप्त मतदान होता है।
जीत के बाद राधाकृष्णन ने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है और वे राज्यसभा के सभापति के रूप में सभी दलों को समान अवसर देने का प्रयास करेंगे। दूसरी ओर विपक्षी उम्मीदवार जस्टिस सुदर्शन रेड्डी ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भरोसा जताते हुए परिणाम को विनम्रता से स्वीकार किया।
सी.पी. राधाकृष्णन अब देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे और राज्यसभा के सभापति पद की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। उनकी जीत ने एक बार फिर एनडीए की संगठनात्मक एकजुटता और संसदीय बहुमत को स्पष्ट कर दिया है वहीं तमाम प्रयासों और दावों के बाद बाद भी INDIA गठबंधन का बिखराव उजागर हो गया।