साउथ दिल्ली की एक उपभोक्ता अदालत ने ब्रिटिश एयरवेज को सेवा में कमी का दोषी ठहराते हुए यात्री को 50 हजार रुपये मुआवजे के रूप में भुगतान करने का आदेश दिया है। अदालत ने यह आदेश कोरोना महामारी के दौरान रद्द की गई उड़ान के रिफंड में यात्री को परेशान करने के मामले में दिया है।
तीन महीने में चुकाना होगा मुआवजा
अदालत की अध्यक्ष मोनिका ए. श्रीवास्तव और सदस्य किरण कौशल की पीठ ने कहा कि एयरलाइन ने शिकायतकर्ता को रिफंड प्रक्रिया के बारे में सही जानकारी नहीं दी, जिससे उसे अनावश्यक परेशानी हुई। फोरम ने ब्रिटिश एयरवेज को तीन महीने के भीतर मुआवजा राशि देने का निर्देश दिया है। तय समय पर भुगतान न करने पर कंपनी को 6 प्रतिशत ब्याज सहित रकम देनी होगी।
शिकायतकर्ता ने लगाया आरोप
शिकायतकर्ता राम एस. रामनाथन ने जून 2020 में अमेरिका यात्रा के लिए ब्रिटिश एयरवेज की दो टिकटें बुक की थीं, लेकिन कोविड प्रतिबंधों के कारण उड़ान रद्द हो गई। रामनाथन का कहना था कि उन्होंने कई बार ईमेल कर रिफंड मांगा, पर एयरलाइन ने वाउचर जारी करने की जानकारी देकर रिफंड देने से इनकार कर दिया।
सेवा में कमी का जिम्मेदार ठहराया
एयरलाइन ने अपने पक्ष में कहा कि कोविड पाबंदियों के कारण भारत और अमेरिका के बीच सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द थीं, इसलिए इसमें किसी की गलती नहीं थी। अदालत ने माना कि फ्लाइट रद्द होना प्राकृतिक परिस्थिति थी, लेकिन एयरलाइन द्वारा यात्री को रिफंड प्रक्रिया की सही जानकारी न देना ‘सेवा में कमी’ की श्रेणी में आता है।