उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में सोमवार देर रात लगभग 12 बजे बादल फटने से भारी तबाही हुई, जिससे पूरा गांव दहशत में आ गया। अचानक आई तेज बारिश और मलबे की चपेट में कई घर और दुकानें आ गईं, जिनमें कुछ पूरी तरह से बह गए। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें तीन पुरुष और एक महिला शामिल हैं, जबकि पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं। तीन लोगों को गंभीर हालत में बचाकर अस्पताल भेजा गया है। इस घटना से करीब दस परिवार प्रभावित हुए हैं और स्थानीय प्रशासन ने कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। घटना के समय बिजली और मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण ग्रामीणों को काफी मुश्किलें हुईं, लेकिन राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
राहत व बचाव अभियान:
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। देर रात अंधेरे और खराब मौसम के बावजूद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। प्रभावित क्षेत्र से मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है।
प्रशासन की तत्परता:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताया है और सभी प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि, “सरकार पीड़ितों के साथ है और राहत-बचाव में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”
जिला प्रशासन की ओर से गांव में फौरी राहत सामग्री, टेंट, खाना, और प्राथमिक चिकित्सा पहुंचाई जा रही है।
चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित है धराली:
धराली गांव, प्रसिद्ध गंगोत्री धाम की ओर जाने वाले चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित है। इस क्षेत्र में पहले भी प्राकृतिक आपदाओं की घटनाएं हो चुकी हैं। ग्रामीणों के अनुसार, इस बार का मलबा और पानी बहुत तेज था, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।