
राज्य के सभी जिलों के किसान और लघु उद्यमी अब सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से दीर्घकालीन कृषि और अकृषि ऋण प्राप्त कर सकेंगे
भजनलाल सरकार ने प्रदेश के किसानों और लघु उद्यमियों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब सहकारी भूमि विकास बैंकों के जरिए किसानों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। यह ऋण ब्याज अनुदान योजनाओं के तहत दिया जाएगा, जिसके लिए 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को 130 करोड़ रुपये के ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों के किसान और लघु उद्यमी अब इन बैंकों से दीर्घकालीन कृषि और अकृषि ऋण ले सकेंगे। राज्य भूमि विकास बैंक ने 36 प्राथमिक सहकारी बैंकों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। यह ऋण राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत 7 प्रतिशत और 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत दिया जाएगा। पहले नाबार्ड से पुनर्वित्त की कमी के कारण कई बैंकों में ऋण वितरण रुका हुआ था, लेकिन अब नाबार्ड ने पुनर्वित्त शुरू कर दिया है और एनसीडीसी ने ब्याज दरों में कटौती की है। इससे ऋण वितरण का रास्ता साफ हो गया है।
मंत्री दक ने आगे बताया कि ब्याज अनुदान के कारण दीर्घकालीन कृषि ऋण केवल 5.05 प्रतिशत और अकृषि उत्पादक ऋण 7.05 प्रतिशत की कम ब्याज दर पर उपलब्ध होगा। इससे किसानों और लघु उद्यमियों को आर्थिक बोझ कम होगा। खास बात यह है कि प्रदेश के 15 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों, जहां पिछले 5-6 साल से ऋण वितरण नहीं हुआ था, उन्हें भी अब लक्ष्य दिया गया है। इनमें अजमेर, केकड़ी, टोंक, हिण्डौन, सवाई माधोपुर, जालौर, पाली, सिरोही, बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर शामिल हैं।
यह पहल प्रदेश की दीर्घकालीन सहकारी साख संरचना (SLDB/PLDBs) को पुनर्जनन देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी। सरकार का मानना है कि इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि लघु उद्यमियों को भी अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कदम सहकारिता क्षेत्र में नए अवसर पैदा करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।