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राशन कार्ड धारकों के लिए नए नियम, डुप्लिकेशन रोकने हर 5 वर्ष में ये करना अनिवार्य

केंद्र सरकार का यह निर्णय सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक मजबूत और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नियमित ई-केवाईसी और डुप्लिकेट कार्ड्स को हटाने की प्रक्रिया से न केवल धोखाधड़ी पर अंकुश लगेगा, बल्कि सही लाभार्थियों को समय पर सब्सिडी प्राप्त होगी

Published: 08:00am, 31 Jul 2025

केंद्र सरकार (Central Government) ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में पारदर्शिता, दक्षता और सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से एक अहम निर्णय लेते हुए राशन कार्ड (Ration Card) धारकों को हर पांच साल में ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय केंद्र सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से लिया गया है, जिसे “लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) संशोधन आदेश, 2025” का नाम दिया गया है।

इस संशोधन के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने-अपने क्षेत्रों में हर पात्र परिवार की पहचान की पुन: पुष्टि के लिए पांच वर्ष में एक बार ई-केवाईसी कराना अनिवार्य होगा। यह कदम डुप्लिकेट राशन कार्ड हटाने, अयोग्य परिवारों को सूची से बाहर करने और नवीन पात्र परिवारों को शामिल करने में सहायक होगा।

 पात्रता और आयु से जुड़ा बदलाव

अब 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी व्यक्ति अलग से राशन कार्ड प्राप्त नहीं कर सकेगा। केवल 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर ही कोई व्यक्ति अलग राशन कार्ड बनवाने का पात्र होगा। साथ ही, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के आधार विवरण, यदि उपलब्ध हैं, एकत्र किए जाएंगे और उनके 5 वर्ष की आयु पूरी करने के 1 वर्ष के भीतर ई-केवाईसी कराना अनिवार्य होगा।

निष्क्रिय राशन कार्ड पर नियम

यदि कोई लाभार्थी लगातार छह महीने तक राशन नहीं लेता है, तो उसका राशन कार्ड अस्थायी रूप से निष्क्रिय कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को 3 महीने के भीतर क्षेत्रीय सत्यापन और ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

वहीं, एक ही राज्य या अलग-अलग राज्यों में डुप्लिकेट पाए गए राशन कार्ड भी अस्थायी रूप से निष्क्रिय कर दिए जाएंगे। लाभार्थियों को वैध दस्तावेजों के साथ ई-केवाईसी पूरा कर पात्रता साबित करने के लिए 3 महीने का समय दिया जाएगा।

आवेदन की पारदर्शिता

नई व्यवस्था के तहत “पहले आओ, पहले पाओ” (FIFO) नीति को अपनाया जाएगा। सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने PDS वेब पोर्टल पर एक रीयल टाइम प्रतीक्षा सूची प्रकाशित करें, जिससे आवेदक अपने आवेदन की स्थिति आसानी से देख सकें।

क्या है ई-केवाईसी प्रक्रिया?

ई-केवाईसी एक डिजिटल पहचान सत्यापन प्रणाली है, जो लाभार्थी के आधार कार्ड के माध्यम से पूरी होती है। यह प्रक्रिया दो तरीकों से की जा सकती है –

  1. ऑनलाइन माध्यम से: OTP आधारित अथवा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के द्वारा

  2. ऑफलाइन माध्यम से: नजदीकी FPS या CSC केंद्र में जाकर ई-POS मशीन से फिंगरप्रिंट या रेटिना स्कैन के जरिए

प्रक्रिया पूरी होने के बाद UIDAI द्वारा लाभार्थी की मूल जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता और फोटो राज्य के खाद्य विभाग को साझा की जाती है, जिसे राशन कार्ड डाटाबेस से मिलाया जाता है।

 क्यों है महत्वपूर्ण?

सरकार का मानना है कि ई-केवाईसी के माध्यम से फर्जी और अपात्र लाभार्थियों को हटाना आसान होगा, जिससे सब्सिडी वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचेगी। डिजिटल सत्यापन ने अन्य योजनाओं में धोखाधड़ी रोककर करीब 40 बिलियन डॉलर की बचत सुनिश्चित की है। यह कदम वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना को भी मजबूत करेगा और प्रवासी मजदूरों को किसी भी राज्य में राशन प्राप्त करने में सहायक बनेगा।

YuvaSahakar Desk

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