केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक टीवी चैनल पर देश के कृषि क्षेत्र में हो रहे बदलावों औऱ सरकार की किसान हितैषी योजनाओं को लेकर बड़ी बातें कही हैं। कृषि क्षेत्र औऱ किसानों को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि-भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है और उसकी आत्मा किसान हैं। इसलिए किसान की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है। अगले एक दशक में खेती कैसी होगी और इसकी दिशा-दशा क्या होगी, इन विषयों पर पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने मुखर होकर खेती के हर मुद्दे पर अपनी राय रखी।
कृषि मंत्री ने एमएसपी से लेकर फसल बीमा योजना और किसानों की आय बढ़ाने से लेकर जीएम सीड्स गंभीर विषयों पर अपनी बात रखी। शिवराज सिंह चौहान के कहा कि सरकार अगले एक दशक में खेती को किसानों के लिए फायदे का सौदा बनाने पर काम कर रही है। किसानों की आय बढ़ाने पर हमारा जोर रहेगा। इसके लिए सरकार उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 65 किस्म की फसलों के लिए 109 नए किस्म के बीज जारी किया है, जिससे देश में फसलों का उत्पादन बढ़ेगा।
देश में खेती की दुश्वारियों को गंभीरता से लेते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में खेती की अलग-अलग बहुत सी चुनौतियां हैं। देश में अधिकतर खेती के और जोत के आकार छोटे है। मुख्य समस्या छोटे और सीमांत किसानों की है। ऐसे में खेती को फायदे का सौदा बनाना एक चुनौती है। लेकिन, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए छह सूत्रीय रणनीति बनाई है और सरकार इसे लागू कर रही है।
फसलों का उत्पादन बढ़ाने और किसान कल्याण पर सरकार का जोर
किसान हितैषी मोदी सरकार किसानों के उत्पादों को एमएसपी के माध्यम से बहुत अच्छा रेट दे रही है। कृषि की चुनौतियों कासामना करने के लिए भारत सरकार राज्य सरकारों के साथ लगातार बैठक कर रही है औऱ 29 राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बैठक हो चुकी है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें एक दूसरे की मदद कर रही हैं। मध्य प्रदेश जिस तरह फसलों के उत्पादन में पहले स्थान पर पहुंचा, उसे देखते हुए सरकार पूरे देश में कोशिश कर रही है। इसके तहत सरकार कृषि उत्पादन बढ़ाने, लागत कम करने, ठीक-ठाक कीमत देकर किसानों की भरपाई करने और कृषि के विविधीकरण पर जोर दे रही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की भलाई और कृषि के लिए हमें तात्कालिक और दीर्घकालिक उपाय करने होंगे। किसान तो अन्नदाता है। सरकार का मूल मंत्र है-अन्नदाता सुखी भव:।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार की दीर्घकालिक कृषि योजनाओं में फसल विविधीकरण, जैविक एवं प्राकृतिक खेती, दलहन और तिलहन के लिए अलग-अलग मिशन बनाए गए हैं। बागवानी पर सरकार का जोर है औऱ हम खेती से जुड़ी आय बढ़ाने वाली अन्य गतिविधियों पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो आधुनिक शोध और खेती की नई प्रैक्टिस हैं, उन्हें वह दूसरे किसानों तक पहुंचाने में मीडिया को भी आगे आना होगा, क्योंकि ऐसी खबरें किसानों की जिंदगी बदल देगी।
साल में एक बार कृषि उत्सव मनाया जाना चाहिए
शिवराज सिंह ने कहा कि कृषि का शोध केवल प्रयोगशाला तक नहीं रहना चाहिए, बल्कि कोई भी शोध किसान और खेत तक जाना चाहिए। ‘लैब टू लैंड’ नारे पर पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने आधुनिक कृषि चौपाल शुरू किया है, जहां वैज्ञानिक और किसान आमने-सामने बैठते हैं और जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं। इसे हर शनिवार को करेंगे। कृषि मेले भी लगाए जाएंगे। उन्होंने साल में एक बार कृषि उत्सव मनाने की पहल करते हुए कहा कि इसमें हमें किसानों के बीच जाना चाहिए।
फसल बीमा योजना से किसानों के नुकसान की हो रही भरपाई
फसल बीमा योजना के माध्यम से किसानों की मदद की जानकारी साझा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पहले फसल बीमा योजना में केवल सरकारी एजेंसी ही नुकसान की भरपाई करती थी। लेकिन, अब इंश्योरेंस कंपनियां करती हैं। पहले जब तक पूरी तहसील में फसल खराब न हो जाए तब तक नुकसान की भरपाई नहीं मिलती थी, लेकिन सरकार ने अब तय कर दिया है कि गांव में भी अगर फसल खराब होगी तो भरपाई मिलेगी। गांव में अगर एक खेत में भी फसल खराब होगी तो किसान को नुकसान की भरपाई मिलेगी।