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आयुष्मान सहकार से समृद्ध होगा स्वास्थ्य

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2020 को राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य योजन को शुरू किया गया। योजना के शुरू होने के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र की सेवाओं में तकनीकि का प्रयोग बढ़ गया, जांच रिपेार्ट ऑन लाइन उपलब्ध होने के साथ ही कई जगह एआई के प्रयोग से स्वास्थ्य क्षेत्र को बेहतर किया जा रहा है।

Published: 17:41pm, 13 Dec 2024

– आयुष्मान सहकार योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना 2017 के साथ जोड़ा गया

– एनसीडीसी की वित्तीय सहायता से ग्रामीण क्षेत्र में आयुष की पद्धितयों को बढ़ावा दिया जाएगा

स्वास्थ्य क्षेत्र में सहकारिता का दखल बढ़ाने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा अहम पहल की गई है। ग्रामीण क्षेत्र में आयुष (आयुर्वेद, योगा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी) पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए आयुष्मान सहकार योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना 2017 के साथ जोड़ा गया है। आयुष्मान सहकार योजना में स्वास्थ्य के क्षेत्र में डिजिटल प्रयोगों को भी प्रमुखता दी जाएगी। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत ऐसी सहकारी समितियों को एनसीडीसी सहायता देगी जो स्वास्थ्य शिक्षा और बीमा के क्षेत्र में काम कर रही हैं। इस योजना के शुरू होने से केवल मेडिकल क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को ही नहीं, बल्कि गैर मेडिकल क्षेत्र में स्वास्थ्य शिक्षा और देखभाल के क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं को भी मौका दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में स्वस्थ्य जीवन पद्धतियों को बढ़ावा दिया जा सके।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2020 को राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य योजन को शुरू किया गया। योजना के शुरू होने के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र की सेवाओं में तकनीकि का प्रयोग बढ़ गया, जांच रिपेार्ट ऑन लाइन उपलब्ध होने के साथ ही कई जगह एआई के प्रयोग से स्वास्थ्य क्षेत्र को बेहतर किया जा रहा है, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से वर्ष 2017 में सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना को लागू किया गया। जिससे स्वास्थ्य बीमा, तकनीकि दक्षता, जांच सेवाएं, समय पर चिकित्सीय सेवा उपलब्ध कराने, प्रशिक्षित व कौशल आदि पर जोर दिया गया, मानव संसाधन को बढ़ावा देने और प्रीवेंटिव हेल्थ के लिए सरकार द्वारा वेलनेस सेंटर को इसी क्रम में लांच किया गया। हेल्थ एजूकेटर या स्वास्थ्य प्रशिक्षकों की अवधारणा को भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना के तहत शुरू किया गया।

इसी क्रम में होलेस्टिक हेल्थ व्यवस्था को भी स्वीकृत किया गया, जिसका आश्य है कि इलाज की हमारी सदियों पुरानी प्रथाओं को साथ लेते हुए चिकित्सीय सुविधाओं को बेहतर करना। इसमें अस्पताल, हेल्थकेयर, मेडिकल शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा, पैरामेडिकल शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा आदि को एक साथ जोड़ा गया। आयुष मंत्रालय बनने के बाद आयुष यानि आयुर्वेद, योगा, यूनानी, सिद्धा और होम्योपैथी विधाओं में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीपीटी और बीयूएमएस जैसे पीजी और डीएनबी कोर्सो को बढ़ावा दिया गया। इसी क्रम में सरकार ने एनसीडीसी की सहायता से आयुष्मान सहकार योजना को शुरू किया है। जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा की प्राचीन प्रद्धतियों को बढ़ावा देना है।

आयुष्मान सहकार योजना का उद्देश्य

– सहकारी समितियों द्वारा अस्पतालों/स्वास्थ्य सेवा/शिक्षा सुविधाओं के माध्यम से सस्ती और समग्र स्वास्थ्य सेवा के प्रावधान में सहायता करना

– सहकारी समितियों द्वारा आयुष सुविधाओं को बढ़ावा देने में सहायता करना

– राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के उद्देश्यों को पूरा करने में सहकारी समितियों की सहायता करना

– राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन में सहकारी समितियों की भागीदारी में सहायता करना

– सहकारी समितियों को शिक्षा, सेवाओं, बीमा और उससे संबंधित गतिविधियों सहित व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सहायता करना

आयुष्मान सहकार के लिए पात्र समितियां

देश में किसी भी राज्य या बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत कोई भी सहकारी समिति, जिसके उपनियमों में अस्पताल, स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य शिक्षा से संबंधित सेवाएं लेने के लिए प्रावधान हैं, योजना के तहत दिशा-निर्देशों की पूर्ति के अधीन वित्तीय सहायता के लिए पात्र होगी। एनसीडीसी सहायता या तो राज्य सरकारों या संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के माध्यम से या सीधे उन सहकारी समितियों को प्रदान की जाएगी जो एनसीडीसी प्रत्यक्ष वित्त पोषण दिशा-निर्देशों को पूरा करती हैं। भारत सरकार व राज्य सरकार तथा अन्य वित्त पोषण एजेंसी की अन्य योजनाओं या कार्यक्रमों के साथ समन्वय की अनुमति है। एनसीडीसी पात्र समितियों के लिए आठ साल तक की अवधि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जिसपर एक प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जाएगा।

YuvaSahakar Desk

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