
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि IFFCO की पचास वर्ष की गौरवशाली यात्रा ये दिखाती है कि जब कोओपरेटिव और कोर्पोरेट संस्कार मिलकर काम करते हैं तो कैसे अद्भुत परिणाम मिलते हैं।
गुजरात के कलोल में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइज़र कोऑपरेटिव लिमिटेड (IIFCO) की स्वर्ण जयंती समारोह में शिरकत की और वहां एक नए बीज अनुसंधान केंद्र की नींव रखी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र न केवल जमीन की उत्पादकता बढ़ाएगा, बल्कि ऐसे बीजों पर काम करेगा जो कम पानी और खाद में ज्यादा उपज दें और पौष्टिकता भी बढ़ाएं। इसके साथ-साथ यह केंद्र पुराने पारंपरिक बीजों के संरक्षण का भी काम करेगा।
यह समारोह 6 अप्रैल को हुआ जिसमे गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल सहित कई अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि IIFCO की 50 साल की यात्रा इस बात का उदाहरण है कि जब सहकारिता की भावना और आधुनिक तकनीक मिलती है, तो बड़े बदलाव आते हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर है और इसमें IIFCO की अहम भूमिका रही है।
शाह ने IIFCO द्वारा विकसित नैनो यूरिया और नैनो DAP जैसे उन्नत उर्वरकों की भी तारीफ की और कहा कि इससे भारत ने दुनिया में अपनी खास पहचान बनाई है। उन्होंने यह भी कहा कि आज जिस बीज अनुसंधान केंद्र की नींव रखी गई है, वह किसानों की समृद्धि में नई क्रांति लाएगा।
इस मौके पर अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सहकारिता क्षेत्र में शुरू की गई 62 नई पहलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि त्रिभुवनदास पटेल के नाम पर बनाई गई सहकारी विश्वविद्यालय अब ‘पैक्स से एपेक्स’ तक की पढ़ाई को डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जोड़ने का काम करेगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के नामकरण को लेकर कुछ विपक्षी नेताओं की टिप्पणियों का भी जवाब दिया, जिन्होंने IRMA के संस्थापक डॉ. वर्गीज कुरियन का नाम नजरअंदाज किए जाने की बात कही थी।
भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए शाह ने बताया कि IIFCO अब जैविक और नैनो उर्वरकों के साथ पर्यावरण के प्रति संवेदनशील खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है।