केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर समेत अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” विजन के तहत BBSSL की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
अमित शाह ने कहा कि बीबीएसएसएल को बीज उत्पादन में पानी और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने और पारंपरिक बीजों के संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, इफको और कृभको जैसी संस्थाओं को बीजों के पोषण स्तर का गहराई से मूल्यांकन करने और अपनी प्रयोगशालाओं को अत्याधुनिक बनाने का सुझाव दिया।
शाह ने सहकारी संस्थाओं को किसानों को प्रमाणित बीजों से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि BBSSL को सरकारी विश्वविद्यालयों और प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा, बीज उत्पादन और शोध के लिए 10 साल का रोडमैप तैयार करने की सलाह दी।
शाह ने बताया कि देश भर के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 20,000 से अधिक विभिन्न सहकारी समितियां बीबीएसएसएल की शेयरधारक हैं । उन्होंने कहा कि बीबीएसएसएल को बीज उत्पादन, अनुसंधान और संवर्धन की दिशा में काम कर रहे सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों और प्रयोगशालाओं का उपयोग करना चाहिए। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने बीज उत्पादन बढ़ाने से संबंधित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 10 वर्षीय रोडमैप तैयार करने और इसकी नियमित समीक्षा करने पर जोर दिया।
बैठक में जानकारी दी गई कि रबी 2024 के दौरान, बीबीएसएसएल छह राज्यों में 5,596 हेक्टेयर क्षेत्र में आधारभूत और प्रमाणित बीजों का उत्पादन कर रहा है। इस कार्यक्रम के तहत 8 फसलों की 49 किस्मों से 1,64,804 क्विंटल बीजों का उत्पादन होने का अनुमान है। बीबीएसएसएल ने वर्ष 2032-33 तक कुल 18,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।अब तक BBSSL ने 41.50 करोड़ रुपये मूल्य के 41,773 क्विंटल बीज बेचे हैं। यह कदम किसानों को बेहतर बीज उपलब्ध कराने और खेती को उन्नत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।