उत्तर प्रदेश के किसान अब आलू की खेती में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से अब आगरा में आलू और शकरकंद जैसी कंद फसलों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर बनने जा रहा है। इस सेंटर का नाम है CSARC (South Asia Regional Center of International Potato Center), जो पेरू स्थित CIP (International Potato Center) का हिस्सा है।
यूपी से आता है 35% आलू
देश में जितना आलू पैदा होता है, उसका 35% हिस्सा अकेले उत्तर प्रदेश से आता है। 2024-25 में यूपी में करीब 6.96 लाख हेक्टेयर में आलू की खेती हुई और 244 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। अकेले आगरा जिले में ही 76 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती होती है।
अब होगी क्वालिटी बीज और प्रोसेसिंग किस्मों की रिसर्च
इतने बड़े स्तर पर उत्पादन होने के बावजूद अच्छी क्वालिटी के बीज और प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त किस्मों की कमी महसूस की जाती रही है। अब यह कमी CSARC पूरी करेगा। किसानों को नई तकनीकों से ट्रेनिंग मिलेगी और आलू की नई किस्मों पर शोध किया जाएगा। इससे खेती और भी फायदेमंद होगी।
प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट ने दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस रिसर्च सेंटर के लिए 111.50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह केंद्र बीज नवाचार, फसल सुरक्षा, जर्मप्लाज्म संरक्षण और वैल्यू चेन विस्तार जैसे काम करेगा।
जब तक सेंटर नहीं बनेगा, तब तक KVK से ट्रेनिंग
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जब तक आगरा के सिंगना गांव में रिसर्च सेंटर का निर्माण पूरा नहीं होता, तब तक राज्य के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के जरिए किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि केवल आलू नहीं, बल्कि अन्य कंद फसलों पर भी रिसर्च हो ताकि निर्यात के मौके बढ़ें।
क्या है CIP और क्यों है जरूरी
CIP की शुरुआत 1971 में पेरू में हुई थी और यह संस्था 20 से ज्यादा देशों में काम कर रही है। भारत में यह संस्था 50 साल से काम कर रही है। CIP ने जलवायु के अनुकूल किस्में, पोषणयुक्त फसलें और कीट प्रबंधन में कई इनोवेशन किए हैं।
किसानों की आमदनी बढ़ाने में मददगार
CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह केंद्र किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा, प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को मजबूत बनाएगा और यूपी को इंटरनेशनल एग्रीकल्चर हब में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
भविष्य की खेती अब और बेहतर
अब यूपी के किसान आलू उत्पादन से न सिर्फ ज्यादा कमाएंगे, बल्कि ग्लोबल रिसर्च और टेक्नोलॉजी का भी फायदा उठाएंगे। CSARC की मदद से यूपी जल्द ही आलू इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बन जाएगा।