राशन कार्ड को लेकर भारत सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। राशन कार्ड को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से एक नई प्रणाली लेकर आई है जो एक जनवरी से लागू होगी। 1 जनवरी 2025 से राशन कार्ड की भौतिक प्रति की जरूरत नहीं होगी। यह बदलाव सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को अधिक कुशल, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए किया गया है।
इस नई प्रणाली के तहत अब लाभार्थियों को राशन लेने के लिए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी। अब कार्ड धारक बिना राशन कार्ड के की केवल आधार या बायोमेट्रिक पहचान का उपयोग करके अपना राशन प्राप्त कर सकेंगे।यह कदम डिजिटल इंडिया पहल के तहत सरकारी सेवाओं को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया है। नई प्रणाली से कागजी कार्रवाई कम होगी और धोखाधड़ी व दुरुपयोग पर लगाम लगाई जा सकेगी।
नई प्रणाली की मुख्य विशेषताएं
आधार-लिंक्ड सत्यापन: लाभार्थियों की पहचान आधार नंबर या बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट/आईरिस स्कैन) से सत्यापित की जाएगी।
डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग: सभी लेनदेन रियल-टाइम में दर्ज होंगे। यह डेटा केंद्रीय सर्वर पर संग्रहीत रहेगा, जिससे पारदर्शिता और निगरानी आसान होगी।
पोर्टेबिलिटी: लाभार्थी किसी भी उचित मूल्य की दुकान (Fair Price Shop) से राशन प्राप्त कर सकेंगे, चाहे वह किसी भी स्थान पर हों।
रियल-टाइम अपडेट: स्टॉक और वितरण की स्थिति ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
स्मार्टफोन एप्लिकेशन: राशन की उपलब्धता और लाभार्थी के लेनदेन की जानकारी एक मोबाइल ऐप पर देखी जा सकेगी।
कैसे काम करेगा आधार-आधारित सत्यापन?
-लाभार्थी को राशन लेने के लिए अपना आधार नंबर प्रदान करना होगा।
-e-PoS मशीन पर फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन के जरिए पहचान सत्यापित की जाएगी।
-प्रक्रिया पूरी होने पर, लाभार्थी को निर्धारित राशन तुरंत मिल जाएगा।
-यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि राशन केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही मिले।
पारदर्शिता और डिजिटल ट्रैकिंग से भ्रष्टाचार पर लगाम
नई राशन कार्ड प्रणाली के तहत सभी लेनदेन और स्टॉक स्थिति डिजिटल रूप से दर्ज की जाएगी। अधिकारी वितरण प्रक्रिया की निगरानी कर सकेंगे और लाभार्थी अपने लेनदेन इतिहास को ऑनलाइन देख सकेंगे। डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग से राशन की चोरी और दुरुपयोग की संभावना कम होगी।