गाजा में दो साल से जारी भीषण युद्ध के बीच अब शांति की किरण दिखाई देने लगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से इजराइल और हमास के बीच शांति समझौते के पहले चरण पर सहमति बन गई है। यह समझौता गाजा में युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और कैदियों की अदला-बदली की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
मिस्र में हुई अहम बातचीत
यह समझौता 8 अक्टूबर को मिस्र में हुई इनडायरेक्ट बातचीत के बाद सामने आया। रिपोर्ट्स के मुताबिक समझौते के लागू होने के 72 घंटे के भीतर लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा, जिसके बदले सभी जीवित इजराइली बंधकों को छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इजराइल अपनी सेना को एक सहमति रेखा तक वापस बुलाएगा।
राष्ट्रपति ट्रंप का बयान
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “इजराइल और हमास दोनों ने शांति योजना के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। सभी बंधकों को जल्द ही रिहा किया जाएगा। यह एक मजबूत और टिकाऊ शांति की दिशा में पहला कदम होगा। सभी पक्षों के साथ निष्पक्ष व्यवहार किया जाएगा।”
यह समझौता ट्रंप द्वारा हाल ही में प्रस्तुत 20-सूत्रीय शांति प्रस्ताव का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गाजा में युद्ध समाप्त करना, बंधकों और कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करना और गाजा के लिए नई राजनीतिक व्यवस्था तैयार करना है।
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप व इजराइली पीएम नेतन्याहू को दी बधाई
इस पहल का स्वागत इजराइल, हमास समेत कई देशों ने किया है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप को बधाई देते हुए एक्स पर लिखा,“मित्र डोनाल्ड ट्रंप से बात की और ऐतिहासिक गाजा शांति योजना की सफलता के लिए उन्हें बधाई दी। साथ ही कारोबारी वार्ता को लेकर हुई प्रगति की भी समीक्षा की। आने वाले हफ्तों में हम संपर्क में रहेंगे।”
पीएम मोदी ने इजराइली पीएम को बधाई देते हुए एक्स पर लिखा,“मैंने मित्र नेतन्याहू को फोन किया और राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में गाजा शांति योजना की प्रगति के लिए बधाई दी। हमने बंधकों की रिहाई और गाजा के निवासियों को मानवीय मदद पहुंचाने का स्वागत किया है। साथ ही यह बात भी दोहराई है कि आतंकवाद को किसी भी तरीके से और इसके किसी भी रूप को दुनिया में कहीं भी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।