Trending News

 मारिया कोरिना मचाडो को मिला 2025 का नोबेल पीस प्राइज, वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता हैं मारिया, लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए नोबेल पुरस्कार         तिरुपति में सहकारिता क्षेत्र की मजबूती पर राष्ट्रीय कार्यशाला, पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के गठन और सुदृढ़ीकरण पर जोर         गाजा में लागू हुआ युद्धविराम, इजरायली कैबिनेट ने ट्रंप के पीस प्लान पर लगाई मुहर, 72 घंटे के अंदर सभी बंधकों को रिहा किया जाएगा         PM मोदी ने ट्रंप और नेतन्याहू से 'गाजा पीस प्लान' पर की बात, नेतन्याहू को बताया मजबूत नेता, कहा- किसी भी रूप में कहीं भी स्वीकार्य नहीं है आतंकवाद         ब्रिटिश प्रधानमंत्री और PM मोदी की बैठक में हुआ ट्रेड समझौता, PM मोदी बोले- दोनों देशों के बीच आसान होगा कारोबार, युवाओं को मिलेगा रोजगार, PM स्टार्मर बोले- भारत में कैंपस खोलेंगी ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटी         देशभर में कफ-सिरप बनाने वाली कंपनियों की जांच करेगी सरकार, राज्यों से मांगी लिस्ट, 3 सिरप कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश-टीआर और रिलाइफ की बिक्री और प्रोडक्शन पर भी रोक, MP में अब तक 25 बच्चों की मौत       

किसान पहचान पत्र योजना से जुड़े नए राज्य, अब तक 6 करोड़ से ज्यादा किसानों को मिली डिजिटल आईडी

यह पूरी पहल सरकार के ‘एग्रीस्टैक प्रोजेक्ट’ का हिस्सा है, जिसके तहत खेती से जुड़े डेटा, फसल सर्वे और किसानों की पहचान के लिए तकनीक का उपयोग किया जा रहा है

Published: 11:51am, 10 Oct 2025

भारत सरकार का डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन अब और तेजी से देशभर में विस्तार कर रहा है। इस पहल के तहत किसानों को एक यूनिक डिजिटल आईडी (किसान पहचान पत्र) दी जा रही है, जिसमें उनकी जमीन, फसल पैटर्न और सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार अब हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे नए राज्य इस योजना से जुड़ने जा रहे हैं। अब तक देशभर में 6 करोड़ से ज्यादा किसानों को डिजिटल आईडी जारी की जा चुकी है, जो 14 राज्यों में फैले हुए हैं।

सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक 9 करोड़ और 2026-27 तक 11 करोड़ किसानों को इस योजना के तहत जोड़ा जाए।

किन राज्यों में सबसे ज्यादा किसान जुड़े

डिजिटल किसान पहचान के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जहां 1.47 करोड़ किसानों को डिजिटल आईडी जारी हो चुकी है। इसके बाद महाराष्ट्र (1.18 करोड़), मध्य प्रदेश (91 लाख), राजस्थान (78 लाख) और गुजरात (57 लाख) का स्थान है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु भी इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।

एग्रीस्टैक और डिजिटल टूल्स से होगा बड़ा फायदा

यह पूरी पहल सरकार के ‘एग्रीस्टैक प्रोजेक्ट’ का हिस्सा है, जिसके तहत खेती से जुड़े डेटा, फसल सर्वे और किसानों की पहचान के लिए तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 6000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिसमें से 4000 करोड़ रुपये किसान रजिस्ट्रियों और लीगल हेयर सिस्टम के लिए और 2000 करोड़ रुपये डिजिटल क्रॉप सर्वे (DCS) के लिए आवंटित किए गए हैं।

डिजिटल क्रॉप सर्वे 2025-26 के खरीफ सीजन में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है। इसका इस्तेमाल अब पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY), पीएम किसान, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और मृदा हेल्थ कार्ड जैसी योजनाओं में वेरिफिकेशन और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के लिए किया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसान ने जो फसल बताई है, वही वास्तव में बोई भी है।

किसानों के लिए मुख्य लाभ

  • एक ही जगह पर जमीन, फसल और सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध
  • योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुँचना, बिचौलियों की भूमिका घटेगी
  • सरकारी योजनाओं के बेहतर मॉनिटरिंग और निर्णय प्रक्रिया
  • फर्जी लाभार्थियों की पहचान और पारदर्शिता में वृद्धि

डिजिटल किसान पहचान पत्र योजना से देश में स्मार्ट खेती (Smart Farming) और डेटा-आधारित निर्णय प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा, जिससे कृषि क्षेत्र और किसानों दोनों को लंबे समय में

Diksha

Recent Post

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x