देश के समुद्री मत्स्य क्षेत्र को नई दिशा देने वाली ऐतिहासिक पहल के तहत केंद्रीय मत्स्य राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कोच्चि में 250 टन क्षमता वाले अत्याधुनिक स्लिपवे क्रेडल का उद्घाटन किया। यह सुविधा फिशरी सर्वे ऑफ इंडिया (FSI) द्वारा करीब ₹1.78 करोड़ की लागत से निर्मित की गई है और यह देश की अब तक की सबसे बड़ी सरकारी पोत रखरखाव संरचना है।
स्लिपवे क्रेडल एक मजबूत स्टील प्लेटफॉर्म है जो 250 टन तक के वेसल्स को सुरक्षित रूप से पानी में उतारने और वापस निकालने में सक्षम है। यह उन्नत सुविधा पारंपरिक मछुआरा नौकाओं, अनुसंधान पोतों और सरकारी जहाजों के रखरखाव में बड़ी सहूलियत देगी।
‘ब्लू इकोनॉमी’ की दिशा में अहम कदम
मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि यह परियोजना भारत की “सस्टेनेबल ब्लू इकोनॉमी” को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक पहल है। इससे मत्स्य क्षेत्र, समुद्री अनुसंधान संस्थानों और संबंधित एजेंसियों को तकनीकी सहयोग मिलेगा। इस सुविधा से मत्स्य संसाधन सर्वेक्षण, पारिस्थितिकी निगरानी और गहरे समुद्र में सतत विकास को बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को मिलेगा समर्थन
एफएसआई के महानिदेशक श्रीनाथ के. आर. ने बताया कि यह स्लिपवे क्रेडल प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के लक्ष्यों को गति देगा। इसके माध्यम से गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले बेड़े का आधुनिकीकरण होगा, जिससे उनकी सुरक्षा, दक्षता और दीर्घकालिक स्थायित्व बढ़ेगा।
विभिन्न संस्थानों को रखरखाव सहयोग
कोच्चि स्थित एफएसआई स्लिपवे कॉम्प्लेक्स सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMFRI), सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नोलॉजी (CIFT), इंडियन कोस्ट गार्ड, कस्टम विभाग और लक्षद्वीप मत्स्य विभाग जैसे संस्थानों को पोत रखरखाव सुविधा प्रदान करेगा। साथ ही कोच्चि वॉटर मेट्रो, पर्यटन नौकाओं और अंतर्देशीय परिवहन जहाजों के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।