भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सहकारी बैंकिंग क्षेत्र पर अपनी निगरानी को और सख्त करते हुए पांच सहकारी बैंकों पर कड़े निर्देश जारी किए हैं। बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के साथ धारा 56 के तहत तीन बैंकों पर नई पाबंदियां लगाई गई हैं, जबकि दो अन्य पर मौजूदा प्रतिबंधों को बढ़ा दिया गया है।
महाराष्ट्र के सोलापुर स्थित समर्थ सहकारी बैंक लिमिटेड, उस्मानाबाद स्थित समर्थ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित सद्भाव नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित पर नई निर्देश जारी किए गए हैं। 7 अक्टूबर 2025 से प्रभावी इन निर्देशों के तहत ये बैंक ऋण देने, नई जमा स्वीकार करने या बिना RBI की पूर्व अनुमति के कोई दायित्व वहन करने से प्रतिबंधित हैं।
नकदी संकट को देखते हुए RBI ने दो समर्थ बैंकों पर निकासी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि सद्भाव बैंक के जमाकर्ता केवल 5,000 रुपये तक ही निकाल सकेंगे।
RBI ने कहा कि पूर्व निरीक्षण सत्रों के बावजूद इन बैंकों ने पर्याप्त सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, जिसके चलते जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए ये सख्त कदम उठाने पड़े। तीनों बैंक छह महीने तक प्रतिबंधों के तहत संचालित रहेंगे, जिनकी समीक्षा की जाएगी। पात्र जमाकर्ताओं को जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का कवरेज सुनिश्चित किया गया है।
इस बीच RBI ने नई दिल्ली के रामगढ़िया कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और महाराष्ट्र के शिरपुर स्थित शिरपुर मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर मौजूदा प्रतिबंधों को तीन महीने और बढ़ा दिया है, जो 8 जनवरी 2026 तक लागू रहेंगे।
केंद्रीय बैंक ने जोर दिया कि ये निर्देश जनहित की रक्षा और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हैं, जो सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की सेहत पर निरंतर सतर्कता को दर्शाते हैं।