तेजी से वैश्विक पहचान बना चुके सुपर फूड मखाना के विकास के लिए बिहार सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी दिशा में राज्य के कृषि विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए मखाना अवयवों की विशेष योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसान मखाना उत्पादन क्षेत्र के विस्तार, उन्नत बीज उत्पादन और टूल्स किट पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।
सरकार ने किसानों से 10 अक्टूबर तक बिहार कृषि ऐप या उद्यान निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करने की अपील की है।
योजना की मुख्य बातें
- एक किसान को न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) तक का लाभ मिलेगा।
- पहली बार खेत प्रणाली से मखाना की खेती करने वाले किसान इस योजना के पात्र होंगे।
- योजना के तहत बीज, अन्य इनपुट और हार्वेस्टिंग तक की लागत शामिल है।
- प्रथम वर्ष के लिए 36,375 रुपये प्रति हेक्टेयर की स्वीकृत राशि तय की गई है, जिसमें से बीज की राशि आपूर्तिकर्ता को दी जाएगी और बाकी राशि पौध रोपण के बाद किसान को मिलेगी।
- मखाना की खेती के लिए निर्धारित इकाई लागत 0.97 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर रखी गई है।
बीज उत्पादन और वितरण
- मखाना के उन्नत प्रभेद ‘स्वर्ण वैदेही’ और ‘सबौर मखाना-1’ के बीज उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- बीज वितरण योजना के तहत किसानों को अधिकतम 225 रुपये प्रति किलोग्राम तक का अनुदान मिलेगा।
- बीज की कीमत इससे अधिक होने पर अतिरिक्त राशि किसान स्वयं वहन करेंगे।
टूल्स किट पर भी अनुदान
मखाना की खेती कर रहे सभी रैयत और गैर-रैयत किसान उत्पादन में उपयोग होने वाली टूल्स किट अनुदानित दर पर प्राप्त कर सकेंगे।
16 जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ
यह योजना बिहार राज्य के 16 जिलों में लागू की गई है- कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, भागलपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चम्पारण और मुजफ्फरपुर।