केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री (Ministry Of Cooperation) अमित शाह (Amit Shah) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के अहिल्यानगर (Ahilyanagar) जिले के कोपरगाव में देश के पहले सहकारी (Cooperatives) मल्टी-फीड कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस (Devendra Fadnavis), उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), अजित पवार (Ajit Pawar), केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल (Murlidhar Mohol) और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी साखर कारखाने में पहली बार कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट और पोटाश ग्रैन्यूल निर्माण इकाई की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की सरकार आने वाले दिनों में 15 चयनित चीनी मिलों को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की सहायता से दोनों संयंत्र स्थापित करने के लिए पूरा सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने इसे देशभर के चीनी मिलों (Sugar Mill) के लिए एक नई दिशा बताते हुए कहा कि यह पहल सहकारी क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के प्रति समर्पित है। उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत की। इसके तहत अगले छह वर्षों में 11,440 करोड़ रुपए का उपयोग दलहन क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि अरहर, उड़द और मसूर दलहन उत्पादन करने वाले किसान NAFED और NCCF के साथ पंजीकरण कराते हैं, तो सरकार उनकी पूरी दलहन फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। इससे महाराष्ट्र के किसानों को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि देश के दो करोड़ किसानों से शत प्रतिशत एमएसपी पर दलहन खरीदी जाएगी। इसके अतिरिक्त 1,000 प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी और 88 लाख उच्च गुणवत्ता वाले बीज किट वितरित किए जाएंगे।
अमित शाह ने बताया कि देश के पहले सहकारी कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र में लगभग 55 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। यह संयंत्र प्रतिदिन 12 टन CBG का उत्पादन करेगा और गुड़ से 75 टन पोटाश का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ये दोनों उत्पाद भारत में आयात किए जाते हैं, लेकिन इस नई पहल से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ेगा।
अमित शाह ने महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी साखर कारखाने को चक्रीय अर्थव्यवस्था का आदर्श उदाहरण बताते हुए कहा कि इथेनॉल संयंत्रों को बहुआयामी बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सहकारी साखर कारखानों की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी, और अब महाराष्ट्र की जिम्मेदारी है कि इन कारखानों में 100 प्रतिशत चक्रीय अर्थव्यवस्था लागू करने की शुरुआत यहीं से हो। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से सहयोग करने और भारत सरकार के समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा कि यह उदाहरण देशभर की सभी चीनी मिलों के लिए मिसाल बने।
अमित शाह ने यह भी कहा कि लाभ कमा रहे प्रत्येक चीनी कारखाने को फलों के प्रसंस्करण का कार्य भी करना चाहिए, जिससे फलों की खेती को बढ़ावा मिलेगा और चीनी कारखानों का लाभ भी बढ़ेगा। उन्होंने संजीवनी समूह की हरित ऊर्जा और स्थिरता के क्षेत्र में पहल और महिला स्वयं-सहायता समूहों को सशक्त करने की गतिविधियों की सराहना की। इसके साथ ही 100 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को जोड़ा गया है, 1,000 किसानों के लिए मत्स्य पालन की शुरुआत की गई है, और 20,000 छात्रों के लिए संजीवनी यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि भारत का पहला ग्रामीण कॉल सेंटर भी यहीं स्थापित किया गया, जिससे कई लोगों को रोजगार प्राप्त हुए।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने केन्द्र में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना करके देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन देने की दिशा में कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के भविष्य पर जो सवालिया निशान थे, वे पिछले तीन वर्षों में पूरी तरह समाप्त हो गए हैं। आज सहकारिता क्षेत्र देश के मजबूत स्तंभ के रूप में उभर रहा है, जो गर्व का विषय है।
अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने सभी देशवासियों से स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यदि 140 करोड़ भारतीय और देश के सभी व्यापारी यह संकल्प लें कि वे न तो विदेशी वस्तुओं का उपयोग करेंगे और न ही उनका व्यापार करेंगे, तो इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व गति प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने देश की अर्थव्यवस्था को 11वें स्थान से चौथे स्थान पर लाने का कार्य किया है और हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बहुत करीब हैं। उन्होंने कहा कि विश्व में प्रथम स्थान हासिल करने के लिए केवल स्वदेशी अपनाना ही विकल्प है।
इस अवसर पर अमित शाह ने यह भी जोर दिया कि देश के प्रत्येक नागरिक को स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना चाहिए और भारत की आत्मनिर्भरता और ग्रामीण विकास में योगदान देना चाहिए।