राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। महासंघ ने टर्नओवर को 12,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में इसका टर्नओवर 8,270 करोड़ रुपये रहा था। इस वृद्धि का मुख्य कारण सरकार की मूल्य समर्थन योजना (MSP) के तहत कृषि उपज की खरीद में बढ़ती हिस्सेदारी और सक्रिय प्रयास हैं।
कृषि उपज की खरीद में लगातार बढ़त
पिछले दो वर्षों में NCCF ने कृषि उपज की खरीद में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। वर्तमान में कृषि मंत्रालय की PSS योजना के तहत कुल खरीद में NCCF की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है, जिसे और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में NCCF ने 20 लाख टन से अधिक धान, प्याज, तिलहन, दालें और गेहूं की खरीद की।
खरीद से मुनाफा और राजस्व वृद्धि
महासंघ के कुल टर्नओवर में 7,500 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी खरीद गतिविधियों से रही। शुद्ध लाभ पिछले वर्ष बढ़कर 216 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 2024 में यह 182 करोड़ रुपये था। यह दर्शाता है कि NCCF ने केवल खरीद में ही नहीं, बल्कि संचालन में भी दक्षता बढ़ाई है।
राज्यों के साथ सहयोग
NCCF ने मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तराखंड सरकारों की ओर से धान खरीदा। दालों की खरीद के लिए 41 लाख से अधिक किसान ई-सम्युक्ति पोर्टल पर पंजीकृत हैं और MSP का भुगतान सीधे डीबीटी के माध्यम से किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इथेनॉल उत्पादन के लिए महासंघ किसानों से सीधे मक्का खरीदता है और इस उद्देश्य से 63 डिस्टिलरी के साथ एमओयू किए गए हैं।
रिटेल विस्तार और नया ब्रांड
NCCF वर्तमान में 19 रिटेल आउटलेट चला रहा है और 2026 तक इसे 40-45 तक बढ़ाने की योजना है। देश के बड़े महानगरों में नए स्टोर खोलने पर विचार किया जा रहा है। उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री के लिए महासंघ ने अपना ब्रांड ‘जनह’ भी लॉन्च किया है।
सरकारी व्यवस्था के तहत तिलहन, दलहन, मक्का और प्याज की खरीद NCCF और नाफेड जिम्मेदारी संभालते हैं, जबकि चावल और गेहूं की MSP खरीद भारतीय खाद्य निगम करता है।