पूर्वांचल के किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को कृषि व्यवसाय में विकास और सततता की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से मंगलवार को बरपार स्थित जागृति उद्यम केंद्र–पूर्वांचल के बरगद सभागार में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसमें देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, मऊ, महराजगंज और बलिया समेत प्रदेश के 15 जिलों से आए 60 एफपीओ निदेशक और कृषि उद्यमी शामिल हुए।
कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु टीब एग्री फूड फ्रेमवर्क रहा। जागृति के इन्क्यूबेशन डायरेक्टर विश्वास पांडेय ने बताया कि प्रशिक्षण संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल बिज़नेस (सीआरबी) के सहयोग से आयोजित किया गया है। इसका उद्देश्य एफपीओ निदेशकों को यह समझाना है कि उनका व्यवसाय केवल आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि प्राकृतिक, मानव और सामाजिक पूंजी पर भी निर्भर करता है और उसे प्रभावित करता है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को एक विशेष अभ्यास-पुस्तिका के माध्यम से अपनी पूरी मूल्य श्रृंखला का आकलन करना सिखाया गया। इसमें इनपुट आपूर्ति, उत्पादन, कटाई, प्रसंस्करण और विपणन तक के सभी चरणों पर पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन शामिल था। प्रशिक्षकों में सीआरबी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीब साहू, सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर नित्या छिब्बर, यंग प्रोफेशनल्स दौनीत कौर और यूएनईपी की प्रोजेक्ट ऑफिसर शिवानी मौजूद रहीं।
पैनल चर्चा में कृषि व्यवसाय की चुनौतियों और उनके समाधान पर विशेषज्ञों ने विचार साझा किए। इसमें यूएनईपी की सीनियर पॉलिसी एडवाइजर अलका भार्गव, ICAR-IIFSR के वरिष्ठ वैज्ञानिक मेराज अंसारी, CRB के सीईओ रिजित सेन गुप्ता, जागृति के रिसर्च मैनेजर सुजय और इन्क्यूबेशन डायरेक्टर विश्वास पांडेय शामिल रहे।
उद्यम कोर मनोज वर्मा ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से FPO को अपने जोखिमों की पहचान कर उन्हें नियंत्रित करने की क्षमता मिलेगी। इससे न केवल उनकी उत्पादकता और आय बढ़ेगी, बल्कि वे टिकाऊ और प्रभावी ढंग से अपने व्यवसाय का विस्तार भी कर सकेंगे।
कार्यक्रम में जागृति टीम के आनंद सिंह, राजीव राय, अजय कुमार समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे।