उत्तर प्रदेश सरकार सहकारिता क्षेत्र में अध्ययन, अध्यापन और शोध को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सहकारी महाविद्यालय की स्थापना करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल की उपस्थिति में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इससे राज्य के युवाओं को आधुनिक शिक्षा द्वारा सहकारिता क्षेत्र से जोड़ने, रोजगार के नए अवसर प्रदान करने और ग्रामीण विकास की राह को और अधिक मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस कदम से सहकारिता के महत्व को समझाने के साथ-साथ शोध और नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में सहकारी बैंकिंग सुधारों की प्रगति पर विस्तृत चर्चा हुई। वर्ष 2017-18 से 2024-25 के बीच प्रदेश सरकार ने 16 बंद पड़े जिला सहकारी बैंकों को 306.92 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान कर पुनर्जनन किया। इन बैंकों का नान परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) 2017 में 800 करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2025 में 278 करोड़ रुपये रह गया है। मार्च 2025 तक एक हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरण कर सभी बैंक लाभ की स्थिति में आ गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों और जमाकर्ताओं का विश्वास सहकारिता की आधारशिला है, जिसे हर हाल में संरक्षित करना आवश्यक है।
अन्न भंडारण योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने प्रदेश के 35 जिलों में 96 स्थलों की पहचान की है, जिनका निर्माण कार्य जनवरी 2026 से शुरू होकर अप्रैल 2026 तक पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने इसे किसानों की समृद्धि का आधार बताते हुए सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। यह योजना देश की सबसे बड़ी अन्न भंडारण परियोजना को साकार करेगी।
सहकारी क्षेत्र में एम-पैक्स (मल्टीपर्पस प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटी) के गठन और कार्यप्रणाली की समीक्षा भी की गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 266 एम-पैक्स की तुलना में चालू वर्ष में 457 नए एम-पैक्स गठित किए गए हैं। सितंबर 2025 में 1,088 ग्राम पंचायतों में एम-पैक्स गठन की प्रक्रिया जारी है। इन्हें उर्वरक वितरण के लिए 10 लाख रुपये तक ब्याज-मुक्त ऋण सीमा प्रदान की गई है, जिससे 5,400 करोड़ रुपये का टर्नओवर और 120 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी प्राप्त हुई है। सरकार ने 757 नवगठित एम-पैक्स के लिए एक लाख रुपये मार्जिन मनी और एक लाख रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु आवंटित किए हैं।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 6,101 सहकारी समितियों में क्यूआर/यूपीआई आधारित प्रणाली लागू की गई है। व्यवसाय विविधीकरण के तहत 5,170 एम-पैक्स में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) सेवाएं, 6,443 में पीएम किसान समृद्धि केंद्र और 161 में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जन औषधि केंद्रों को अस्पतालों के निकट स्थापित करने और सहकारिता को कृषि, डेयरी, मत्स्य और सेवा क्षेत्रों में युवाओं के लिए रोजगार का साधन बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।