इंदौर सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ ने किसानों को राहत देने के उद्देश्य से दूध खरीद दरों में वृद्धि का निर्णय लिया है। संघ की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, 11 सितंबर 2025 से दूध खरीद दर 820 रुपये प्रति किलोग्राम फैट से बढ़ाकर 840 रुपये प्रति किलोग्राम फैट कर दी गई है। यह वृद्धि लगभग 2 प्रतिशत से अधिक है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पशुपालकों को चारा, ईंधन और अन्य इनपुट लागतों में बढ़ोतरी के कारण अतिरिक्त बोझ सहना पड़ रहा है।
वर्तमान में इंदौर दुग्ध संघ किसानों से प्रतिदिन लगभग 2.8 लाख लीटर दूध एकत्र करता है। अब संघ ने अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 550 नई दुग्ध समितियों के गठन की भी घोषणा की है। इस पहल से वर्तमान में संचालित 1,658 समितियों की संख्या बढ़कर 2,208 हो जाएगी। नई समितियों के माध्यम से लगभग 14,000 नए दुग्ध उत्पादक सीधे तौर पर संघ से जुड़ेंगे।
संघ के अनुसार, इस विस्तार से न केवल दूध संग्रहण क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार लाने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही, किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा और उनकी आय में स्थायी सुधार देखने को मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इंदौर दुग्ध संघ का यह कदम किसानों में विश्वास और निष्ठा को और प्रगाढ़ करने वाला साबित होगा, जिससे क्षेत्रीय दुग्ध व्यवसाय को दीर्घकालिक स्थिरता मिलेगी।
यह उल्लेखनीय है कि संघ के ब्रांड ‘सांची’ ने इस वर्ष की शुरुआत में ही पैकेज्ड दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी। हालांकि, इस बार किसानों से की गई दूध खरीद दर वृद्धि का सीधा भार उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया है। यदि भविष्य में खरीद लागत और बढ़ी तो उपभोक्ता कीमतों में संशोधन की संभावना बनी रहेगी। इस पूरी रणनीति की सफलता इनपुट लागतों के प्रबंधन और सरकारी स्तर पर ढांचागत सहयोग पर निर्भर करेगी।