भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रोहिका सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बिहार पर 5.50 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंक के नियामक प्रावधानों के उल्लंघन और उसके निर्देशों का पालन न करने के लिए लगाया गया।
आरबीआई के अनुसार, यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 और क्रेडिट सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत लगाया गया था। यह कार्रवाई 31 मार्च, 2024 तक नाबार्ड द्वारा किए गए वैधानिक निरीक्षण के निष्कर्षों के बाद की गई है।
निरीक्षण और उसके बाद की समीक्षा से पता चला कि बैंक निर्धारित अवधि के भीतर कुछ गैर-बैंकिंग परिसंपत्तियों का निपटान करने में विफल रहा, उसने अपने ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी सभी चार क्रेडिट सूचना कंपनियों को प्रस्तुत नहीं की, तथा केंद्रीय केवाईसी रिकॉर्ड रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर) में केवाईसी रिकॉर्ड अपलोड करने में देरी की।
नियामक ने कहा कि यह जुर्माना बैंक द्वारा कारण बताओ नोटिस पर दिए गए जवाब तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दी गई जानकारी पर विचार करने के बाद लगाया गया।
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य ग्राहक लेनदेन या समझौतों की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है।