एनसीसीएफ (NCCF) और बिस्कोमान (Biscomaun) के चेयरमैन विशाल सिंह ने प्रेस वार्ता में घोषणा की कि बिहार में कस्टम मिल्ड राइस (CMR) आपूर्ति की अंतिम तिथि अब 14 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी गई है।
यह निर्णय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), सहकारी बैंकों और व्यापार मंडलों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो खरीफ 2024–25 अधिप्राप्ति कार्यक्रम के तहत समय पर आपूर्ति करने के दबाव से जूझ रहे थे।
पहले कट-ऑफ डेट 10 अगस्त तय की गई थी, जिससे लगभग 900 अधिप्राप्ति समितियों पर डिफॉल्ट नोटिस और वित्तीय दंड का खतरा मंडरा रहा था। नई समयसीमा से इस स्थिति से बचने की उम्मीद जताई जा रही है।
विशाल सिंह ने बताया कि यह निर्णय केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी से हुई बैठक के बाद लिया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही अन्य लंबित मुद्दों, खासकर 2012 से अटके अधिप्राप्ति दरों के पुनर्निर्धारण और किसान कल्याण योजनाओं पर भी निर्देश जारी होंगे।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि इस विस्तार से न सिर्फ परिचालन बल्कि वित्तीय स्तर पर भी बड़ी राहत मिलेगी। करीब 60,000 मीट्रिक टन चावल की देर से आपूर्ति लगभग 200 करोड़ रुपये के अधिप्राप्ति मूल्य से जुड़ी हुई है, जो सहकारी बैंकों और मिलर्स के लिए अभी तक अटका हुआ था।
बिस्कोमान और एनसीसीएफ के सहयोगी ढांचे – जैसे PACS और व्यापारी मंडल के लिए यह फैसला बेहद अहम है। नई समयसीमा के साथ राज्य के पास खरीफ सीजन की आपूर्ति श्रृंखला को 100% पूरा करने का मजबूत अवसर है।