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UP सरकार की सूर्य सखी योजना: सौर ऊर्जा उद्यमी बनकर आत्मनिर्भर होगी नारी शक्ति

उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘सूर्य सखी योजना’ शुरू की है। इसके तहत 1 लाख महिलाओं को सौर ऊर्जा उपकरणों की स्थापना, रखरखाव और संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। योजना का लक्ष्य 2030 तक 1 लाख महिला-नेतृत्व वाले सौर ऊर्जा उद्यम स्थापित करना है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण को गति मिलेगी।

Published: 12:21pm, 03 Sep 2025

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने तथा स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए महत्वाकांक्षी ‘सूर्य सखी योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि महिलाएं सौर ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी दक्षता हासिल कर आत्मनिर्भर बनें और अपने समुदाय में उदाहरण प्रस्तुत करें।

राज्य सरकार ने घोषणा की है कि इस योजना के अंतर्गत एक लाख महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें ‘सूर्य सखी’ बनाया जाएगा। प्रशिक्षित महिलाएं सौर पैनलों की स्थापना, रखरखाव और मरम्मत का कार्य कर सकेंगी, जिससे वे न केवल अपने लिए आजीविका का नया स्रोत तैयार करेंगी, बल्कि अन्य महिलाओं और ग्रामीण समुदाय के लिए प्रेरणा का माध्यम भी बनेंगी।

यह योजना उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के सहयोग से संचालित हो रही है। इसके अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं को सौर ऊर्जा उपकरणों जैसे सोलर पैनल, एलईडी लाइटिंग और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सिस्टम की स्थापना व संचालन से जोड़ा जाएगा। इससे महिलाओं को तकनीकी दक्षता के साथ-साथ रोजगार और आर्थिक स्वतंत्रता दोनों मिलेंगी।

महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण और उद्यमिता का अवसर

‘सूर्य सखी योजना’ के तहत चयनित महिलाओं को सौर उपकरणों की मरम्मत, स्थापना और रखरखाव का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और वे सशक्त उद्यमी के रूप में समाज में अपनी पहचान बना सकेंगी। सरकार का विजन है कि महिलाएं केवल ऊर्जा की उपभोक्ता न रहकर निर्माता और सेवा प्रदाता की भूमिका निभाएं।

एक लाख महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों का लक्ष्य

राज्य सरकार ने इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2030 तक एक लाख महिला-नेतृत्व वाले विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा (DRE) उद्यम स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसी उद्देश्य से 27 अगस्त को “महिलाओं की मजबूत आर्थिक स्थिति के लिए विकेंद्रीकृत ऊर्जा” विषय पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।

DRE तकनीक से ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा क्रांति

इस योजना में अपनाई गई DRE (Decentralized Renewable Energy) तकनीक ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में ऊर्जा आपूर्ति के लिए अत्यंत उपयोगी है। यह तकनीक ऑफ-ग्रिड और मिनी-ग्रिड समाधानों पर आधारित है, जिससे उन क्षेत्रों में भी बिजली की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी, जहां अब तक पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता अधिक है। UPSRLM की निदेशक दीपा रंजन ने कहा कि इस मॉडल के जरिए महिलाएं ऊर्जा की उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि निर्माता और प्रदाता भी बनेंगी।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से सहयोग लिया है। UPSRLM ने PCI India, HSBC, Global Energy Alliance for People and Planet, Gates Foundation India और Prerna Ojas जैसी संस्थाओं के साथ साझेदारी की है। ये संस्थाएं प्रशिक्षण, वित्तीय सहयोग और तकनीकी परामर्श में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

प्रारंभिक चरण में यह योजना उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में लागू की जा रही है। इसके बाद इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में विस्तारित किया जाएगा।

महिला सशक्तिकरण और स्वच्छ ऊर्जा का संगम

‘सूर्य सखी योजना’ केवल ऊर्जा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समावेशन, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरणीय संरक्षण को भी बढ़ावा देती है। सरकार का यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें ग्रामीण समाज की प्रगति में सक्रिय भागीदार बनाने की दिशा में ऐतिहासिक साबित हो सकता है।

YuvaSahakar Desk

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