प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ की शुरुआत की। यह अपनी तरह की पहली सहकारी वित्तीय संस्था है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना है।
लाखों जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इसे महिलाओं के सशक्तिकरण का “टर्निंग पॉइंट” बताया। उन्होंने कहा, “सशक्त महिलाएँ ही विकसित भारत की नींव हैं।”
पूरी तरह डिजिटल सहकारी मॉडल
- सभी क्लस्टर-स्तरीय महासंघ इस सहकारी संस्था के सदस्य बनेंगे।
- बिहार सरकार और केंद्र सरकार मिलकर इसकी पूंजी उपलब्ध कराएँगी।
- संचालन पूरी तरह डिजिटल होगा, जिससे पारदर्शिता और गति सुनिश्चित होगी।
- 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट दिए गए हैं ताकि महिलाएँ सीधे मोबाइल से ऋण तक पहुँच सकें।
गरिमा और आत्मनिर्भरता पर ज़ोर
पीएम मोदी ने कहा कि यह पहल केवल वित्त तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं की गरिमा और आत्मसम्मान से जुड़ी है। उन्होंने बिहार की सांस्कृतिक परंपराओं गंगा मैया, छठी मैया और मिथिला की जानकी जी का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में मातृशक्ति का सम्मान सदैव सर्वोपरि रहा है।
केंद्र की महिलाओं-केंद्रित योजनाओं का उल्लेख
उन्होंने जीविका निधि को महिलाओं के व्यापक परिवर्तन की कड़ी बताया और स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर जल, और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं को गिनाया। साथ ही लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी जैसी पहलों को महिलाओं की आजीविका बढ़ाने का सशक्त माध्यम बताया।
सूदखोरी से राहत
नई सहकारी संस्था से महिलाओं को 18-24% तक ब्याज वसूलने वाले माइक्रोफाइनेंस संस्थानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अब उन्हें बड़े, सस्ते और समय पर ऋण उपलब्ध होंगे। अनुमान है कि 20 लाख से अधिक महिला उद्यमी इससे लाभान्वित होंगी।
आत्मनिर्भरता का आह्वान
पीएम मोदी ने अंत में कहा, “आज की ज़रूरत है -हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी।” उन्होंने परिवारों और व्यापारियों से मेड इन इंडिया उत्पादों को अपनाने और महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
पटना में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, सहित हजरों जीविका सदस्य मौजूद रहे।