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NABARD की सहकार सारथी पहल, ग्रामीण सहकारी बैंकों को मिलेगा साझा डिजिटल मंच

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से सहकार सारथी प्राइवेट लिमिटेड (SSPL) की स्थापना की है। यह साझा सेवा इकाई ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCB) के लिए तकनीक, संचालन और सहायता सेवाओं का केंद्रीकृत मंच उपलब्ध कराएगी। इस पहल से पांचवें वर्ष से 1500 करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक बचत की उम्मीद है।

Published: 12:03pm, 03 Sep 2025

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने सहकारी बैंकिंग तंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। नाबार्ड (NABARD) ने भारत सरकार (Government Of India) के सहकारिता मंत्रालय (Ministry Of Cooperation) के सहयोग से “सहकार सारथी प्राइवेट लिमिटेड (SSPL)” नामक साझा सेवा इकाई (SSE) की शुरुआत की है। यह कदम ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCB) के लिए क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकता है।

आकलन के अनुसार, यदि सभी आरसीबी इस सेवा को अपनाते हैं, तो पांचवें वर्ष से प्रतिवर्ष 1500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत बचत संभव होगी। इससे सहकारी बैंक न केवल अपने परिचालन खर्चों को कम कर पाएंगे, बल्कि तकनीकी और डिजिटल ढांचे में भी मजबूती हासिल कर सकेंगे।

इस इकाई का संचालन तकनीक, संचालन और सहायता सेवाओं पर केंद्रित रहेगा। इससे बड़े पैमाने पर लाभ उठाते हुए सहकारी बैंकों को डिजिटल क्षमताओं में सुधार, संचालन की दक्षता और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी। नाबार्ड, नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और ग्रामीण सहकारी बैंक मिलकर एसएसपीएल की अधिकृत पूंजी 1000 करोड़ रुपये का योगदान करेंगे।

इस पहल को लागू करने के लिए नाबार्ड ने आरसीबी के आईटी और बिजनेस प्रमुखों के साथ कार्यशालाओं का आयोजन किया है। इसके बाद राज्य सहकारी बैंकों के चेयरमैन और सीईओ के साथ राष्ट्रीय स्तर पर विचार-विमर्श किया गया, जिससे कार्यान्वयन की रूपरेखा को और सशक्त बनाया जा सके।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस पहल को पहले ही नियामक स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिससे इसकी विश्वसनीयता और बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि एसएसपीएल ग्रामीण सहकारी बैंकों को प्रतिस्पर्धी और भविष्य के लिए तैयार संस्थान बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

यह पहल भारत सरकार की सहकारी बैंकिंग सेक्टर को सुदृढ़ करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक साबित हो सकती है।

YuvaSahakar Desk

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