किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में राजस्थान सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार जल्द ही नई एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) नीति लागू करने जा रही है। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल ने बताया कि इस नीति का मुख्य उद्देश्य किसानों को संगठित करना और कृषि उत्पादन को बाजार उन्मुख स्वरूप प्रदान करना है।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि चरणबद्ध रूप से 500 नए एफपीओ स्थापित किए जाएं। अभी राजस्थान में कुल 913 एफपीओ कार्यरत हैं। नई नीति लागू होने पर किसानों को कंपनी पंजीकरण, पेटेंट, लाइसेंस और मार्केटिंग से संबंधित सुविधाओं में व्यापक सहयोग मिलेगा। नीति में ‘एक जिला–एक उत्पाद’ तथा ‘पंच गौरव’ जैसे मॉडल को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि कृषि उत्पादन को क्षेत्रीय पहचान और बेहतर विपणन नेटवर्क मिल सके।
किसानों को मिलेगा विदेश में प्रशिक्षण
राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप ‘नॉलेज इनहांसमेंट प्रोग्राम’ की शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत 100 किसानों को विदेश यात्रा और प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा। चयनित किसान नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और ब्राजील की यात्रा करेंगे। यह भ्रमण नवंबर 2025 से मार्च 2026 तक कुल चार बैचों में होगा। प्रत्येक बैच सात दिन का होगा। इस दौरान किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, मूल्य संवर्धन और वैश्विक कृषि बाजार की कार्यप्रणाली के बारे में व्यावहारिक जानकारी दी जाएगी।
चयन प्रक्रिया और शर्तें
कार्यान्वयन एजेंसियों को 30 अगस्त तक राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड को चयनित किसानों की सूची भेजनी होगी। चयनित उम्मीदवारों को न्यूनतम तीन वर्ष तक एफपीओ से जुड़कर काम करने का अंडरटेकिंग देना आवश्यक होगा।
इस संबंध में हाल ही में पंत कृषि भवन में समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें नाबार्ड, एनसीडीसी, नैफेड, एनडीडीबी, एफडीआरवीसी, एसएफएसी सहित कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
नई एफपीओ नीति राजस्थान के किसानों को न केवल एक सशक्त संगठनात्मक ढांचा प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर नवीनतम प्रयोगों और तकनीकों से भी जोड़ने का अवसर देगी। इससे राज्य के किसानों की उत्पादकता और आय दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।