केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियां चलाने वाली नई सहकारी समितियों को भी 15 प्रतिशत की कम टैक्स दर का लाभ मिलेगा। अभी नई मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को यह लाभ मिलता है। इसी तरह, सहकारी समितियों और कंपनियों को समान अवसर देने के लिए वैकल्पिक न्यूनतम टैक्स (मैट) की दर को भी घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले सहकारी समितियों को 18.5 प्रतिशत की दर से मैट देना पड़ता था, जबकि कंपनियों के लिए यह दर 15 प्रतिशत थी। राज्यसभा (Rajya Sabha) में एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने यह जानकारी दी।
अमित शाह ने एक अन्य सवाल के जवाब में राज्यसभा को बताया कि बैंक की छुट्टियों के दौरान दूध की कीमत का भुगतान करने के लिए अब दुग्ध सहकारी समितियां 2 लाख रुपये से अधिक की नगदी प्राप्त कर सकती हैं। इनकम टैक्स की धारा 269 एसटी के तहत किसी भी व्यक्ति से एक दिन में व्यक्तिगत या व्यावसायिक लेनदेन में 2 लाख रुपये से अधिक की नगद प्राप्ति पर रोक है।
गृह एवं सहकारिता अमित शाह ने कहा कि इस सीमा का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है और जांच शुरू हो सकती है। मगर दुग्ध सहकारी समितियों को इस प्रतिबंध से मुक्त कर दिया गया है। शाह ने कहा कि इससे दुग्ध सहकारी समितियां अपने सदस्यों, जो ज्यादातर ग्रामीण और कृषक समुदायों से हैं, को इनकम टैक्स जुर्माने के डर के बिना बैंक छुट्टियों के दौरान भुगतान करने में सक्षम हो गई हैं।
शाह ने कहा कि सहकारी समितियों को एक और प्रमुख छूट दी गई है। यदि कोई प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पैक्स) या प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (पीसीएआरडीबी) अपने सदस्य से 2 लाख रुपये की नगदी जमा लेता है या कोई सदस्य पैक्स या पीसीएआरडीबी से इतनी ही रकम का ऋण नगद में लेता है, तो कोई पेनाल्टी नहीं देनी होगी। पहले यह सीमा प्रति सदस्य 20 हजार रुपये थी।