दिल्ली निवासी 18 वर्षीय जितेश मरोठा एक समय अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित रहते थे। उन्हें समझ नहीं आता था कि क्या करें जिससे आर्थिक रूप से सक्षम बन सकें और घर परिवार चलाने में मां का हाथ बंटा सकें। पिता के कम उम्र में ही गुजर जाने के बाद उनकी मां ही कामकाज करके जितेश और उसके भाई का पालन-पोषण कर रही थीं। आर्थिक परेशानी के कारण परिवार का जीवन काफी मुश्किलों से चल रहा था।
इसी दौरान जितेश को नेशनल युवा कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (एनवाईसीएस) की विकासपुरी शाखा द्वारा संचालित होने वाले कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में पता चला। यहां से उन्होंने सीसीटीवी में तीन महीने का प्रशिक्षण लिया और उसके बाद इसी क्षेत्र में काम करने लगे। आज वह न सिर्फ आर्थिक रूप से सशक्त हो गए हैं, बल्कि उनका जीवन भी अच्छा चल रहा है।
अपने संघर्ष के दिनों और सफलता के बारे में युवा सहकार से बातचीत में जितेश ने बताया, ‘उन दिनों मेरा परिवार आर्थिक रूप से काफी मुश्किल दौर से गुजर रहा था। मैं खाली बैठा रहता था। मुझे समझ नहीं आता था कि क्या करूं। मेरे पास कोई हुनर भी नहीं था। एक दिन मैं अपने घर के पास टहल रहा था, तो मुझे एक सर्वेक्षण टीम खड़ी दिखी जो निःशुक्ल कोर्स के पर्चे बांट रही थी और उसके बारे में बता रही थी। मैंने उत्सुकतावश एक पर्चा ले लिया और उनसे बात की। उन्होंने बताया कि युवाओं की प्रतिष्ठित कोऑपरेटिव संस्था एनवाईसीएस इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) के सीएसआर (कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) कार्यक्रम के सहयोग से कौशल विकास प्रशिक्षण संचालित कर रही है।
एनवाईसीएस की विकासपुरी शाखा में चलने वाले इस कार्यक्रम में टेलरिंग, सीसीटीवी इन्स्टॉलेशन और टेक्निशियन जैसे कोर्स करवाए जाते हैं। ये कोर्स केवल 3 महीने के थे, जो मेरी रूचि से मेल खाते थे। वित्तीय बाधा न होने के कारण मैंने इसे अपने कौशल को बढ़ाने और संभावनाओं को बेहतर बनाने के अवसर के रूप में देखा। मैंने सीसीटीवी इन्स्टॉलेशन एवं टेक्निशियन कोर्स में दाखिला लिया जिसने मेरे जीवन में सफलता की यात्रा की शुरुआत की।’
जितेश बताते हैं कि कौशल विकास से परिपूर्ण होने के बाद मेरे लिए अवसरों के द्वार खुल गए। मैंने अपने क्षेत्र में नौकरियों के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया। दृढ़ता और कड़ी मेहनत के साथ मुझे ऐसी नौकरी मिली जिसमें न केवल अच्छा वेतन मिला, बल्कि विकास की संभावनाएं भी थीं। मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन मैंने उन्हें खुद पर हावी होने नहीं दिया। मैंने कड़ी मेहनत पर ध्यान केंद्रित किया और सीखना एवं आगे बढ़ना जारी रखा। मेरे दृढ़ संकल्प ने फल दिया और मैं अच्छी आय अर्जित करने लगा। आज मेरे पास खुद की गाड़ी भी है और बैंक में बचत भी बढ़ रही है।
जितेश की कहानी इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ संकल्प और सही अवसरों के साथ कोई भी व्यक्ति चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर सकता है और सफलता हासिल कर सकता है। जितेश ने इसके लिए एनवाईसीएस के सीसीटीवी प्रशिक्षक संतोष सर का दिल से धन्यवाद करते हुए कहा कि मेरी जिंदगी बदलने के लिए जीवन भर मैं इस संस्था का आभारी रहूंगा।