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आरबीआई ने बदले क्लेम निपटान के नियम, सहकारी बैंकों को बड़ी राहत

सहकारी बैंकों के लिए आसान और तेज क्लेम निपटान प्रक्रिया लागू

Published: 11:06am, 10 Aug 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक नया ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है। इसका नाम है – बैंकों के दिवंगत ग्राहकों के दावों का निपटान, 2025”। इस नए प्रस्ताव का मकसद खासतौर पर सहकारी बैंकों के लिए दावे निपटाने की प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाना है, ताकि परिवारों को अपने प्रियजन के निधन के बाद अनावश्यक परेशानी न झेलनी पड़े।

नए नियमों के तहत, अगर खाते में नॉमिनी (नामित व्यक्ति) दर्ज है या सर्वाइवर्शिप क्लॉज लागू है, तो क्लेम के लिए अब उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (Succession Certificate), वसीयत (Will) या इंडेम्निटी बॉन्ड की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ पहचान और मृत्यु की पुष्टि के बाद दावा निपटाया जा सकेगा, बशर्ते कोई कानूनी विवाद न हो।

अगर नॉमिनी नहीं है, तो भी 15 लाख रुपये तक के दावे कम दस्तावेज़ों के साथ और बिना थर्ड-पार्टी गारंटी के निपटाए जा सकेंगे।

आरबीआई ने साफ किया है कि सभी जरूरी दस्तावेज़ मिलने के 15 दिनों के भीतर क्लेम निपटाना होगा। अगर देरी हुई तो बैंक को मुआवज़ा देना पड़ेगा – जमा खातों के लिए ब्याज और लॉकर के मामलों में 5,000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से।

यह बदलाव खासकर ग्रामीण इलाकों के सहकारी बैंकों के लिए राहत की खबर है, जहां अक्सर उत्तराधिकार से जुड़े दावों को निपटाने में समय और दस्तावेज़ों की दिक्कत होती है। आरबीआई ने बैंकों से यह भी कहा है कि नॉमिनेशन के महत्व पर लोगों को जागरूक करें और क्लेम सेवाओं को सभी शाखाओं और ऑनलाइन माध्यम से सुलभ बनाएं। इस ड्राफ्ट पर सुझाव और प्रतिक्रिया 27 अगस्त 2025 तक मांगी गई है।

YuvaSahakar Desk

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