Trending News

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ, कृषि क्षेत्र, पशुपालन, मत्स्यपालन, एफपीओ एवं इनोवेशन में मिली 42 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया         महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 3 विकेट से हराया, एलिसा हीली की 149 रनों की शानदार पारी से ऑस्ट्रेलिया ने हासिल किया 331 रनों का लक्ष्य, भारत की तरफ़ से स्मृति मंधाना 80 और प्रतीका रावल ने बनाए थे 75 रन         मिस्र में आज ट्रंप की गाजा पीस डील पर होंगे हस्ताक्षर, बंधकों की होगी रिहाई, राष्ट्रपति ट्रंप सहित 20 से ज़्यादा देशों के नेता होंगे शामिल, भारत की तरफ से विदेश राज्यमंत्री कीर्तिबर्धन सिंह करेंगे प्रतिभाग         भारत यात्रा पर कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद, विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात, द्विपक्षीय रणनीतिक सहयोग के साथ-साथ व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा मामलों पर चर्चा         मारिया कोरिना मचाडो को मिला 2025 का नोबेल पीस प्राइज, वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता हैं मारिया, लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए नोबेल पुरस्कार         देशभर में कफ-सिरप बनाने वाली कंपनियों की जांच करेगी सरकार, राज्यों से मांगी लिस्ट, 3 सिरप कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश-टीआर और रिलाइफ की बिक्री और प्रोडक्शन पर भी रोक, MP में अब तक 25 बच्चों की मौत       

युवा सहकार से लेकर डेयरी तक: NCDC दे रहा है राज्यों में सहकारिता को नई उड़ान

युवा सहकार योजना के तहत नए विचारों वाली सहकारी संस्थाओं को प्रोत्साहन मिल रहा है, इस योजना में अब तक 12 राज्यों की 34 सहकारी संस्थाओं को करीब 49.47 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई

Published: 12:43pm, 07 Aug 2025

NCDC (राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम) की योजनाएं आज देशभर में सहकारी संस्थाओं को नई मजबूती दे रही हैं। ‘युवा सहकार’, ‘आयुष्मान सहकार’, ‘डेयरी सहकार’, ‘नंदिनी सहकार’, ‘स्वयं शक्ति सहकार’ और ‘दीर्घावधि कृषक पूंजी सहकार’ जैसी प्रमुख योजनाओं के जरिए एनसीडीसी ने देश के अलग-अलग राज्यों में हजारों करोड़ रुपये की सहायता दी है।

युवा सहकार योजना के तहत नए विचारों वाली सहकारी संस्थाओं को प्रोत्साहन मिल रहा है। इस योजना में अब तक 12 राज्यों की 34 सहकारी संस्थाओं को करीब 49.47 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई, लेकिन केवल 4.21 करोड़ रुपये ही अब तक बांटे गए हैं। उत्तराखंड को सबसे ज्यादा 40 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली, लेकिन उन्हें सिर्फ 35 लाख रुपये ही मिले — जो यह दिखाता है कि धनराशि को बांटने में कुछ अड़चनें हैं।

आयुष्मान सहकार योजना, जो आयुष समेत स्वास्थ्य से जुड़ी सहकारी संस्थाओं को मदद देती है, में 9 संस्थाओं को कुल 161.90 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है, लेकिन अभी तक केवल 43.19 करोड़ रुपये बांटे गए हैं। इसमें केरल सबसे आगे रहा, जहां 108.96 करोड़ की मंजूरी में से 26.25 करोड़ की राशि दी गई।

नंदिनी सहकार, जो महिलाओं की सहकारी संस्थाओं को सशक्त करने के लिए बनाई गई है, अभी तक किसी भी राज्य में लागू नहीं हो पाई है। यह नीति-निर्माताओं के लिए सोचने का विषय बन सकता है।

डेयरी सहकार योजना, जो दूध से जुड़ी सहकारी संस्थाओं को आधुनिक बनाने के लिए है, में 16 संस्थाओं को 162.28 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। पर दिलचस्प बात यह है कि 177.72 करोड़ रुपये बांट दिए गए हैं — संभव है कि यह पहले की योजनाओं या अधूरी फंडिंग का हिस्सा हो।

गुजरात में सबसे ज्यादा 13 डेयरी सहकारी संस्थाओं को 155.41 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है, पर अब तक केवल 29.13 करोड़ रुपये ही मिले हैं। तमिलनाडु, तेलंगाना और बिहार जैसे राज्यों को बिना औपचारिक मंजूरी के भी अच्छा खासा पैसा मिला है, जिससे यह लगता है कि कहीं न कहीं अतिरिक्त या अलग फंडिंग का रास्ता अपनाया गया है।

स्वयं शक्ति सहकार योजना, जो महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि सहकारी संस्थाओं के माध्यम से ऋण देती है, सबसे बड़ी योजना बनकर उभरी है। इसमें 6 संस्थाओं को कुल 5,560.33 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई और 3,564.33 करोड़ रुपये बांटे गए हैं। इसमें आंध्र प्रदेश को सबसे ज्यादा 4,000 करोड़ की मंजूरी मिली और 2,800 करोड़ की राशि दी गई। केरल को 1,300 करोड़ की मंजूरी में से 744 करोड़ मिल चुके हैं।

दीर्घावधि कृषक पूंजी सहकार योजना के तहत लंबी अवधि का कृषि ऋण देने का काम किया जा रहा है। इसमें 5 संस्थाओं को कुल 5,400.76 करोड़ रुपये मंजूर हुए, जिसमें से 2,237.36 करोड़ की राशि बांटी गई। अकेले तेलंगाना को 5,000 करोड़ की मंजूरी और 2,000 करोड़ की फंडिंग मिल चुकी है।

इसके अलावा, समुद्री और मत्स्य क्षेत्र में भी NCDC की भूमिका अहम रही है। महाराष्ट्र, गुजरात और केरल में समुद्र में मछली पकड़ने वाली नावों और प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए 139.37 करोड़ रुपये की योजनाएं मंजूर हुईं, लेकिन अब तक केवल 33.07 करोड़ रुपये ही मिले हैं।

YuvaSahakar Desk

Recent Post

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x