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Trump के Tariff वॉर पर PM मोदी का पलटवार, कहा- चाहे जो व्यक्तिगत कीमत चुकानी पड़े, नहीं करूंगा भारत के किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से समझौता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी टैरिफ दबाव पर दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह बात एम.एस. स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी पर आयोजित सम्मेलन में कही। पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

Published: 12:11pm, 07 Aug 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने की घोषणा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा जवाब दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर लगाए गए टैरिफ के जवाब में स्पष्ट संदेश दिया कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा।

दिल्ली के आईसीएआर पूसा में आयोजित डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन जन्म शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा,

हमारे लिए अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत इनके हितों के साथ कभी समझौता नहीं करेगा, भले ही मुझे व्यक्तिगत रूप से कोई कीमत चुकानी पड़े।

अमेरिका ने भारत से निर्यात होने वाले सामानों पर 7 अगस्त से 25% टैरिफ लागू किया है, जबकि 27 अगस्त से अतिरिक्त 25% टैरिफ प्रभावी होगा। यह कदम अमेरिका के भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र में अपनी शर्तों के साथ प्रवेश की मांग के बाद आया है। कई दौर की वार्ताओं के बावजूद भारत ने इन शर्तों को स्वीकार नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप यह टैरिफ संकट उभरा।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “मेरे देश के मछुआरों और पशुपालकों के लिए भारत आज पूरी तरह तैयार है। हम किसानों की आय बढ़ाने, खेती पर खर्च कम करने और नए आय स्रोत सृजित करने के लक्ष्य पर निरंतर कार्य कर रहे हैं।” उन्होंने जोर दिया कि उनकी सरकार ने हमेशा किसानों की ताकत को देश की प्रगति का आधार माना है।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है। अमेरिका के टैरिफ कदम को भारत ने सख्ती से लिया है और प्रधानमंत्री का यह बयान देश के कृषि समुदाय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। PM मोदी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी दबाव के सामने नहीं झुकेगा।

अमेरिका चाहता है कि भारत अपना कृषि और डेयरी बाजार अमेरिकी कंपनियों के लिए पूरी तरह खोल दे। लेकिन जहां की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर हो, और जहां के किसानों की जोत अमेरिकी किसानों की तुलना में बेहद छोटी हो, वहां विदेशी उत्पादों के लिए दरवाजे खोलना देश के किसानों को असहाय छोड़ने जैसा होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि भारत सरकार इसके लिए कभी तैयार नहीं होगी। किसान भारत की नींव हैं और उनके हितों की कीमत पर किसी सुपरपावर की दोस्ती नहीं चाहिए।

डेयरी उत्पादों को लेकर भी भारत और अमेरिका के बीच मतभेद है। अमेरिका चाहता है कि भारत ऐसे डेयरी उत्पादों को स्वीकार करे जो मांसाहारी आहार पर पाले गए मवेशियों से प्राप्त हुए हैं। भारत ने इसे अपने सांस्कृतिक और खाद्य मूल्यों के खिलाफ बताते हुए इनकार कर दिया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और अपने आत्मनिर्भर डेयरी क्षेत्र को किसी भी बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में एक तरह से स्पष्ट कर दिया कि भारत सुपर पावर की छांव में खड़े होकर सम्मान नहीं खोएगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत और अमेरिका के रिश्ते समानता के आधार पर आगे बढ़ते हैं, तो भारत इसके लिए तैयार है। लेकिन किसी प्रकार की “बिग ब्रदर” मानसिकता स्वीकार्य नहीं होगी।

ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को भारत पर मनमाफिक व्यापार समझौता कराने की कोशिश माना जा रहा है, लेकिन भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चाहे अमेरिका पाकिस्तान को साथ बैठा ले, भारत अपने आत्मसम्मान और किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा।

भारत के विदेश मंत्रालय ने भी ट्रंप के टैरिफ को अनुचित, अन्यायपूर्ण और तर्कहीन बताया, साथ ही जवाबी कार्रवाई का संकेत दिया। भारत ने कहा कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।

YuvaSahakar Desk

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