सहकारिता में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सहकारिता मंत्रालय निरंतर प्रयास कर रहा है। युवा सहकार- कोऑपरेटिव इंटरप्राइज सपोर्ट एंड इनोवेशन स्कीम का लाभ अब तक 19 हजार युवा उठा चुके हैं। सहकारिता में उद्मिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार इस योजना का लाभ उठाने के लिए युवाओं को प्रमुखता दे रही है।
30 नवंबर को लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कोऑपरेशन (एनसीडीसी) द्वारा जारी की गई 4,734.97 लाख रुपए की वित्तीय सहायता से 18.915 सहकारिता सदस्यों को लाभ पहुंचाया जा चुका है। जिसमें से 294.44 लाख रुपए पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। चालू वित्त वर्ष में 230.61 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, और 89.88 लाख रुपए वितरित किए जा चुके हैं।
सहकारिता में युवा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन हिमाचल प्रदेश और आंध्रप्रदेश में सक्षम सहकारी संस्थाएं होने के बाद भी कोई युवाओं को सहकार उद्यमिता से सशक्त बनाने के लिए कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया। मालूम हो कि एनसीडीसी द्वारा क्रियान्वित की गई यह योजना नवीन विचारों वाली सहकारी समितियों के गठन को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई, जिसका उद्देश्य सहकारिता के माध्यम से युवा उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
योजना का लाभ कम से कम तीन महीने से काम कर रही नवगठित सहकारी समितियां भी उठा सकती हैं। एनसीडीसी पांच साल की समयावधि के लिए इन समितियों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराती है, इसके साथ ही एनसीडीसी द्वारा परियोजना गतिविधियों से संबंधित सावधि ऋण के लिए लागू ब्याज दर पर दो प्रतिशत ब्याज में छूट प्रदान की जाती है।
वर्ष 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद से ही “सहकार-से-समृद्धि” के दृष्टिकोण के अनुरूप सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। मंत्रालय ने सहकारी आंदोलन को जमीनी स्तर की प्राथमिक सहकारी समितियों से लेकर शीर्ष स्तर के संगठनों तक गहरा करने के लिए कई पहल शुरू की हैं, जिसका उद्देश्य सहकारी समितियों को सामाजिक-आर्थिक विकास का प्रमुख चालक बनाना है। इन पहलों का उद्देश्य सहकारी समितियों के फलने-फूलने और कृषि, ग्रामीण विकास और नवाचार-संचालित उद्यमों सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।