भारत ने पहली बार स्मार्टफोन निर्यात के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की है। वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका में भेजे गए स्मार्टफोन्स में 44% हिस्सेदारी मेड इन इंडिया स्मार्टफोन्स की रही। वहीं दूसरी ओर चीन की हिस्सेदारी घटकर 25% रह गई, जो कि 2024 की दूसरी तिमाही में 61% थी।
रिसर्च फर्म कैनालिस (अब ओमडिया का हिस्सा) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में 240 फीसदी सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका सबसे बड़ा कारण एप्पल द्वारा चीन से हटकर भारत में निवेश और उत्पादन बढ़ाना है। एप्पल अब अमेरिका के लिए बड़े पैमाने पर भारत से स्मार्टफोन एक्सपोर्ट कर रही है।
भारत में शुरू हुई iPhone 16 Pro की असेंबलिंग
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एप्पल ने भारत में iPhone 16 सीरीज के प्रो मॉडल्स की असेंबलिंग शुरू कर दी है। हालांकि अमेरिकी बाजार के लिए इनकी सप्लाई अभी भी मुख्य रूप से चीन से होती है, लेकिन भारत अब एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर रहा है।
सैमसंग और मोटोरोला भी कर रहे भारत से एक्सपोर्ट
एप्पल के अलावा सैमसंग और मोटोरोला ने भी भारत से अमेरिका में स्मार्टफोन भेजना शुरू कर दिया है। हालांकि, इन कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग अभी बड़े पैमाने पर वियतनाम और चीन में होती है, लेकिन भारत उनके लिए तेजी से उभरता हुआ उत्पादन केंद्र बन रहा है।
अमेरिका में स्मार्टफोन की मांग में हल्की बढ़ोतरी
2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका में स्मार्टफोन शिपमेंट में 1% की ग्रोथ देखी गई। अमेरिकी कंपनियों ने चीन के साथ टैरिफ और व्यापार को लेकर व्यापारिक अनिश्चितताओं को देखते हुए पहले से स्टॉक जमा करना शुरू कर दिया था। एप्पल और सैमसंग ने अपने प्रोडक्ट्स का स्टॉक समय रहते बढ़ाया, जिससे बिक्री में फायदा हुआ।
भारत बना नया ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस
इस रिपोर्ट से साफ है कि भारत न केवल एक बड़ा कंज्यूमर मार्केट है, बल्कि अब वैश्विक स्तर पर एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। अमेरिका जैसे बड़े बाजारों के लिए भारत से डायरेक्ट स्मार्टफोन एक्सपोर्ट हो रहे है।