देशभर में बदलते मौसम के मिजाज ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। कहीं बारिश का कहर है, तो कहीं बादल फटने और बिजली गिरने की घटनाएं लोगों की जान ले रही हैं। हिमाचल प्रदेश से लेकर दिल्ली-NCR, बिहार, झारखंड, असम और जम्मू-कश्मीर तक मौसम की मार ने संकट की स्थिति उत्पन्न कर दी है। रााथ ही मौसम की इस बेरुखी ने फसलों पर भी बुरा प्रभाव डालना शुरु कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार 21 जुलाई तक वर्षा से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
हिमाचल मे 106 लोगो की मौत, बिहार में 20 लोगो की गई जान
हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 15 जुलाई तक 106 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल मौतों में से 62 मौतें सीधे तौर पर बारिश से संबंधित आपदाओं जैसे भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने, डूबने, बिजली का झटका लगने और गिरने से हुई हैं, जबकि इसी अवधि के दौरान 44 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है।
बिहार के नालंदा जिले के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। झारखंड से हो रही भारी बारिश का पानी फल्गु नदी में आ जाने से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बुधवार को राज्य के विभिन्न जिलों में बिजली गिरने से 20 लोगों की मौत हो गई। इसके बावजूद राज्य में इस मानसून सीजन में अब तक 46% कम बारिश दर्ज की गई है।
6 फ्लाइट्स हुई डायवर्ट
दिल्ली-NCR में बीते एक हफ्ते से तेज बारिश जारी है। खासतौर पर पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खराब मौसम की वजह से बुधवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर 6 फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा।
असम में 2 लोगो की मौत
असम के दीमाहसाओ जिले में नेशनल हाईवे निर्माण के दौरान भूस्खलन हुआ, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हो गए हैं।
अमरनाथ यात्रा में आई रुकावट
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा गुरुवार को दिनभर के लिए रोक दी गई। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि दोनों रूटों पर यात्रा पूरी तरह बंद रहेगी, ताकि पटरियों की मरम्मत की जा सके और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हालांकि, पंचतरणी कैंप में रुके यात्रियों को बालटाल की ओर BRO और पर्वतीय बचाव दलों की मदद से भेजा जा रहा है।
कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर ने बताया कि मौसम की स्थिति का आकलन करने के बाद शुक्रवार से यात्रा दोबारा शुरू की जा सकती है। अब तक 2.47 लाख श्रद्धालु अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं।
फसलों पर मौसम का प्रभाव
आजकल धान की रोपाई का मौसम है जिसके लिए बारिश का मौसम अनुकूल रहता है लेकिन बाढ़ की स्थिति बन जाने के कारण खेतों में जलभराव की स्थिति में फसलों के खराब होने की उम्मीद है। इस समस्या के लिए किसानों को जल निकासी की अच्छी व्यवस्था रखने की जरूरत है। जिससे फसलों को मौसम की मार से बचाया जा सके।