भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे हैं, जहां वे तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। SCO में 10 सदस्य देश शामिल हैं – चीन, रूस, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस। इस यात्रा के दौरान उन्होंने बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की।
इस मुलाकात को लेकर विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि “आज बीजिंग पहुंचने के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिलकर खुशी हुई। उन्हें चीन की SCO अध्यक्षता के लिए भारत के समर्थन से अवगत कराया। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर गौर किया गया और विश्वास व्यक्त किया कि मेरी यात्रा के दौरान चर्चा उस सकारात्मक ट्रेजेक्टरी (रास्ते) को बनाए रखेगी।“
यह यात्रा खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि विदेश मंत्री की यह पांच वर्षों में पहली चीन यात्रा है। यह ऐसे समय में हो रही है जब भारत और चीन दोनों अपने संबंधों को फिर से सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। वर्ष 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद दोनों देशों के रिश्तों में गंभीर तनाव उत्पन्न हो गया था।
एस जयशंकर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले साल अक्टूबर में कज़ान (रूस) में हुई मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय रिश्तों में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। इस अवसर पर उन्होंने भारत और चीन के बीच 75 वर्षों के राजनयिक संबंधों की उपलब्धि को भी रेखांकित किया।
विदेश मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली का विशेष रूप से उल्लेख किया, जो पिछले पांच वर्षों से स्थगित थी। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का पुनः प्रारंभ होना न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली का भी प्रतीक है।