भारत की जूनियर पुरुष हॉकी टीम के चीफ कोच पूर्व ओलंपियन पी आर श्रीजेश ने शनिवार को चेन्नै और मदुरै मे होने वाले एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप 2025 के लुसाने में निकाले गए ड्रॉ में घोषित पूल की पर कहा कि हमारा पूल बी पाकिस्तान, चिली और स्विटजरलैंड की मौजूदगी में खासा चुनौतीपूर्ण दिखाई देता है। मैं चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अपना पूल बी मैच खासा रोचक रहने की उम्मीद करता हूं।
श्रीजेश ने कहा कि सच तो यह असल जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप तो क्वॉर्टर फाइनल से ही शुरू होगा। हम मैच दर मैच आगे बढ़ेंगे और एक समय मैच की बाबत सोच कर इसमें पूरे अंक हासिल कर क्वॉर्टर में सबसे बढ़िया स्थिति में हो सकते हैं। मौजूदा जूनियर विश्व कप नए विस्तृत प्रारूप के मुताबिक खेला जाएगा और इसमें पहले बार सबसे ज्यादा 24 टीमें शिरकत करेंगी। हम इसी को जेहन में रख कर अपनी योजना बनाने के साथ तैयारी कर रहे हैं।
बता दें कि 2001 और 2016 के संस्करण का विजेता भारत पिछले जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में पदक से चूक कर चौथे स्थान पर रहा था। मौजूदा चैंपियन जर्मनी ने अब तक सबसे ज्यादा सात बार एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप खिताब जीता है।
पिछले संस्करण में 16 टीमों ने शिरकत की थी और इस बार जूनियर विश्व कप में 24 टीमें खिताब के लिए टक्कर देंगी। शुरू में जूनियर विश्व कप में 12 टीमें होती थी और बाद में इसे बढ़ाकर 16 टीमों का कर दिया गया। अब जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप 2025 नए प्रारूप के मुताबिक होगा और इसमे शिरकत करने वाली 24 टीमों को चार चार टीमों के छह पूल ए, बी, सी, डी, ई, एफ में बांटा गया है। हर पूल की हर टीम अपने पूल की हर टीम से भिड़ेगी और इसी के आधार पर अंक हासिल करेगी।
हर पूल की शीर्ष दो टीमें क्वॉर्टर फाइनल में स्थान पाएंगी। क्वॉर्टर फाइनल नॉकआउट आधार पर खेले जाएंगे। क्वॉर्टर फाइनल की विजेता सेमीफाइनल में पहुंचेगी। दोनों सेमीफाइनल की विजेता फाइनल में खेलेंगी। टीमों को उनके पूल में अर्जित अंकों के आधार पर स्थान दिया जाएगा और वे क्रॉसओवर मैचों में आगे बढ़ेगी, जहां प्रत्येक पूल में तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमें अपनी अंतिम रैंकिंग निर्धारित करने के लिए क्रॉसओवर मैच खेलेंगी। क्वॉर्टर फाइनल में हार कर बाहर होनी वाली टीमें पांचवें से आठवें स्थान के लिए भिड़ेगी और क्रॉसओवर में हारने वाली टीमें नौंवे से 16वे स्थान के लिए भिड़ेंगी। अपने पूल में एकदम नीचे रहने वाली टीमें 17 से 24वें स्थान के लिए भिड़ेंगी।