– खेलने की बाबत अंतिम फैसला बुमराह का ही होगा
– भारत को दूसरे टेस्ट में खुद पर भरोसा बनाए रखने की जरूरत
– शार्दूल की जगह भारत क्या नीतिश व कुलदीप में किसी को शामिल करेगा?
भारत लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ नई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) साइकिल 2025-27 की शुरुआत हो चुकी है। भारत इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में एंडरसन-तेंडुलकर ट्रॉफी के पांच टेस्ट मैचो की सीरीज का का पहला लगभग जीता हुआ टेस्ट आधा दर्जन टपकाए कैचों के चलते पांच विकेट से हार चुका है। भारत के लिए् अब एजबेस्टन में सीरीज का दूसरा टेस्ट जीत सीरीज में बराबरी पाने के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है क्या उसके तुरुप के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह उसे उपलब्ध होंगे?
बता दें कि वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते बुमराह इस टेस्ट सीरीज मे मात्र तीन टेस्ट के लिए उपलब्ध हैं और इनमें से वह लीड्स में पहला टेस्ट खेल चुके हैं। अब यह देखना अहम है कि शुक्रवार और शनिवार को अभ्यास में बुमराह का शरीर उनका कितना साथ देता है? बुमराह का शरीर उनका साथ देता है तो भारत उन्हें एजबेस्टन में सीरीज के दूसरे टेस्ट में भी खिलाना चाहेगा और उन्हें तीसरे टेस्ट के लिए आराम देकर उन्हें फिर सीरीज के चौथे टेस्ट में उतारना चाहेगा, जिससे कि सीरीज जीवंत बनी रहे।
दिलचस्प बात यह है कि लीडस में भारत की पहले टेस्ट की हार के बाद जब चीफ कोच गंभीर से बुमराह को दूसरे टेस्ट के लिए एकादश में उतारने की बाबत पूछा गया तो उनका जवाब था कि भारत जितनी ज्यादा क्रिकेट खेल रहा है उसके मद्देनजर यह ध्यान देना जरूरी है कि बुमराह का शरीर उनका कितना साथ देगा। गंभीर की बात से संकेत यही मिलता है कि वह बुमराह को लेकर बहुत जोखिम उठाने को तैयार नहीं है और वह उन्हें दूसरे टेस्ट के लिए आराम देने के ही मूड में नजर आते हैं। बुमराह के दूसरे टेस्ट में खेलने की बाबत अंतिम फैसला बुमराह का ही होगा। पहले टेस्ट में मिली हार के बावजूद भारत को दूसरे टेस्ट मे जरूरत खुद पर भरोसा बनाए रखने की होगी।
भारत की ओर पहले टेस्ट में पांच शतक जड़े गए लेकिन इसके बावजूद उसे पहले टेस्ट में इसलिए हार झेलनी पड़ी क्योंकि आधा दर्जन कैच टपकाने के साथ उसका निचला क्रम जहां ताश के पत्तों की तरह ढह गया। वहीं इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने उपयोगी पारियां कर पहले टेस्ट की पहली पारी में उसे भारत के पहली पारी के स्कोर के बहुत करीब पहुंचाया। इंग्लैंड इसलिए पहले टेस्ट में ‘नियोजित बाजलबॉल’ खेल पाया क्योंकि अब इंग्लैंड की पिचें कहीं ज्यादा सपाट हो गई हैं।
इंग्लैंड ने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में जीत के लिए रखे 371 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अंतिम दिन पहले घंटे में धैर्य से खेला और दूसरे घंटे में खासतौर पर शतक जड़ने वाले बेन डकेट ने गियर बदल कर उसे जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। अपनी चर्चित बेजबॉल शैली में दरअसल इंग्लैंड के बल्लेबाज आक्रामक तेवर अपना कर शुरू से ही दे दनादन कर अच्छी गेंदों पर भी प्रहार करने की कोशिश करते हैं। इंग्लैंड ने खासतौर पर पांचवे व अंतिम दिन शुरू के घंटे में संभल कर बल्लेबाजी करने के बाद लंच से पहले गियर बदल कर बल्लेबाजी की।
भारत की बात करें तो सुनील गावस्कर जैसे धुरंधर तक इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए शार्दूल ठाकुर को एकादश से बाहर रख कर बाएं हाथ के लेग स्पिनर कुलदीप यादव का एकादश में जगह देने की वकालत कर रहे हैं। वहीं भारत के बॉलिंग कोच मॉर्ने मॉकेल गेंद से बल्लेबाजी ऑलराउंडर नीतिश रेड्डी की मैजिक बॉल के कायल हैं। यदि बुमराह खुद दूसरे टेस्ट के लिए भारत की एकादश से बाहर रहने का फैसला करते हैं तो फिर भारत को अपने गेंदबाजी संयोजन की बाबत गंभीरता से सोचना होगा कि वह उनकी जगह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह और पांच विकेट लेने के बावजूद पहले टेस्ट में खासे महंगे साबित हुए प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज के साथ उतरेगा या कुछ और बदलाव करेगा।
बहुत उम्मीद यही है कि चौथे तेज गेदबाज के रूप में शार्दूल ठाकुर की जगह भारत बैटिंग ऑलराउंडर नीतिश रेड्डी को एकादश में शामिल करने की बाबत गंभीरता से सोच सकता है। इंग्लैंड ने दूसरे टेस्ट के लिए अब फिट हो चुके जोफ्रा आर्चर को अपनी टीम में जोड़ा है। आर्चर को इंग्लैंड अपनी एकादश में शामिल कर भारतीय बल्लेबाजों के लिए और कड़ी चुनौती दूसरे टेस्ट में पेश कर सकता है। इंग्लैंड यदि आर्चर को दूसरे टेस्ट के लिए एकादश में शामिल करता भी है तो जोखिम यह रहेगा कि वह अभी चोट से उबरे हैं और टेस्ट मैच ’टेस्ट‘ के लिए कितने फिट हैं।
भारत को पहले टेस्ट में मिली हार के बावजूद खुद पर भरोसा बनाए रखने की जरूरत होगी। बुमराह यदि खुद नहीं खेलते हैं या चीफ कोच उन्हें लेकर कोई जोखिम न उठाते हुए उन्हें एजबेस्टन टेस्ट से बाहर रखते हैं तो भारत उनकी जगह बाएं हाथ के लेग स्पिनर कुलदीप यादव को एकादश में शामिल कर बड़ा दांव खेलने की सोच सकता है। बुमराह यदि एजबेस्टन में बुधवार से शुरू होने वाले दूसरा टेस्ट खेलने के लिए सहज महसूस करते है तो बेशक तब भारत बेहतर स्थिति में होगा।
इंग्लैड के लिए पहले टेस्ट की दूसरी पारी में शतक जड़ने वाले बेन डकेट ने बुमराह के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाने के साथ बाएं हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा के खिलाफ रिवर्स स्वीप कर उनकी गेंदबाजी की धार कुंद की थी। उससे भारत के लिए एकादश में दो स्पिनरों के साथ उतरना इसलिए बड़ा दांव होगा क्योंकि तब भारत की निचले क्रम की बल्लेबाजी और कमजोर पड़ सकती है।
भारत को यह भी सोचना होगा कि क्या वह लीड्स में सीरीज के पहले टेस्ट से अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले साई सुदर्शन और आठ बरस के बाद टेस्ट टीम में वापसी कर पहली पारी में शून्य और दूसरी पारी में भी सस्ते में आउट होने वाले करुण नायर को एकादश में बरकरार रखेगा या नहीं। भारत के पूर्व टेस्ट ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने एक अच्छा सुझाव दिया है कि पहले टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले ऋषभ पंत को शतक को दोहरे शतक में तब्दील करने की बाबत सोचना चाहिए।
उपकप्तान ऋषभ पंत और उनकी तरह ही पहली पारी में शतक जड़ने वाले कप्तान शुभमन गिल को भी शतक के बाद कुछ समय धैर्य से खेल कर बड़ी पारी खेलने की जरूरत है। बेशक ऋषभ पंत की ताकत उनका नैसर्गिक आक्रामक खेल है लेकिन उन्होंने लीड्स में पहले टेस्ट की दूसरी पारी में यह दिखाया कि उन्हें क्रीज पर लंगर डाल कर खेलना भी आता है और उनके साथ ही बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने पहली पारी में व केएल राहल ने दूसरी पारी मं शतक जमाया। दरअसल भारत का शीर्ष क्रम यदि थोड़ा और धैर्य बरतेगा तो वह इंग्लैंड द्वारा रफ्तार के सौदागर जोफ्रा आर्चर को दूसरे टेस्ट के लिए जोड़ने के बावजूद उससे बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम है।