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FPO बन रहे किसानों की आय बढ़ाने का माध्यम, ONDC के जरिए बड़ी कंपनियां और विदेशी बाजारों तक पहुंच रहे किसान

कृषि‍ मंत्रालय की मानें तो बड़ी कंपनियों ने किसान संगठनों से सीधे खरीदारी शुरू कर दी है। इस ओर सबसे पहला कदम मदर डेयरी, बिग बास्केट, ओलम और ब्रिटानिया जैसी नामी कंपनियों ने उठाया है। ये एक ऐसा कदम है जो खरीद-फरोख्त करने वालों के बीच से बिचौलियों को खत्म करने का काम करेगा।

Published: 16:11pm, 17 Jun 2025

  • कंपनियों ने FPO से की करोड़ों की खरीद
  • ओलम इंटरनेशनल ने 3 करोड़ का मक्का खरीदा
  • NCCF ने 103 करोड़ का गेहूं खरीदा

देश में किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में सरकार की कोशिशें अब असर दिखाने लगी हैं। अब देश की नामी कंपनियां और अंतरराष्ट्रीय बाजार खुद किसानों के दरवाजे तक पहुंच रहे हैं। इसमें ONDC (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स), FPO (किसान उत्पादक संगठन) और MPO (मिल्क प्रोड्यूसर संगठन) की बड़ी भूमिका है।
सरकार ने किसानों और पशुपालकों को संगठित करने के लिए पूरे देश में FPO और MPO बनाने पर जोर दिया है।

इन संगठनों को एक साझा डिजिटल मंच देने के लिए ONDC शुरू किया गया था। अब इस प्लेटफॉर्म पर 8,500 से ज्यादा FPO रजिस्टर्ड हो चुके हैं। बड़ी कंपनियां जैसे मदर डेयरी, ब्रिटानिया, ओलम इंटरनेशनल, बिग बास्केट, कंट्री डिलाइट आदि ONDC के जरिए सीधे इन संगठनों से खरीदारी कर रही हैं।

ओलम इंटरनेशनल ने उत्तर प्रदेश के हाथरस और बिहार के पूर्णिया व खगड़िया में जाकर एफपीओ से मक्का खरीदा। ओलम ने 3 करोड़ रुपये का मक्का खरीदा, जबकि एनसीसीएफ ने किसानों से 103 करोड़ रुपये का गेहूं सीधे खरीदा। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो रही है और किसानों को उनकी फसल का बेहतर दाम मिल रहा है।

इसके साथ ही हर हफ्ते मंत्रालय की ओर से वेबिनार आयोजित किए जा रहे हैं, जहां कंपनियां, सरकारी अधिकारी और FPO आमने-सामने चर्चा करते हैं। फ्लिपकार्ट, एपीडा, नेफेड और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) जैसे बड़े खरीदार इस पहल का हिस्सा हैं। कंपनियों ने सुझाव दिया है कि किसानों को और अधिक फायदा देने के लिए मंडी शुल्क में छूट दी जाए।

इसी कड़ी में एक बड़ी उपलब्धि उत्तर प्रदेश के दशहरी आम के सीधे दुबई एक्सपोर्ट के रूप में देखने को मिली है। पहली बार लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र के दशहरी आमों को विशेष गुणवत्ता जांच और पैकिंग के बाद सीधे हवाई मार्ग से दुबई भेजा गया है। रविवार को रहमानखेड़ा स्थित मैंगो पैक हाउस से 1200 किलोग्राम आम दुबई रवाना किए गए। इसी तरह शनिवार को भी इतना ही आम भेजा गया था।

दशहरी आम का निर्यात मूल्य 2,992 अमेरिकी डॉलर (करीब 211 रुपये प्रति किलो) मिला है, जो कि स्थानीय बाजार कीमत से कई गुना अधिक है। कृषि राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने इस मौके पर कहा कि अब यूपी का आम सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच रहा है और वैज्ञानिकों ने इसकी सेल्फ लाइफ भी बढ़ा दी है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि ग्लोबल मार्केट में भी भारत की कृषि पहचान मजबूत होगी।

ये दोनों पहलें ONDC और अंतरराष्ट्रीय निर्यात मिलकर किसानों के लिए नए बाजार और आय के नए रास्ते खोल रही हैं। अब देश का किसान केवल मंडी पर निर्भर नहीं, बल्कि सीधे कंपनियों और विदेशों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहा है।

YuvaSahakar Desk

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