बिहार सरकार अब राज्य के चौर क्षेत्रों को आर्थिक विकास और रोजगार का नया केंद्र बनाने के लिए आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना के अंतर्गत पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अधीन संचालित मत्स्य निदेशालय द्वारा निजी चौर भूमि पर मछली पालन, बागवानी और खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं।
इस योजना का उद्देश्य राज्य के युवाओं, किसानों और उद्यमियों को सतत आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना है। वर्षों से बेकार समझी जाने वाली चौर भूमि को अब आय का स्रोत बनाया जा रहा है।
अनुदान की व्यवस्था
इस योजना के तहत लाभुक आधारित चौर विकास योजना और उद्यमी आधारित चौर विकास योजना संचालित की जा रही हैं। इसके अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के किसानों और उद्यमियों को निर्धारित इकाई लागत पर अनुदान प्रदान किया जाएगा।
लागत का विवरण इस प्रकार है:
- एक हेक्टेयर में दो तालाब निर्माण – ₹88 लाख प्रति हेक्टेयर।
- एक हेक्टेयर में चार तालाब निर्माण (इनपुट सहित) – ₹32 लाख प्रति हेक्टेयर।
- एक हेक्टेयर में एक तालाब निर्माण व भूमि विकास (इनपुट सहित) – ₹69 लाख प्रति हेक्टेयर।
अनुदान का प्रतिशत
- अनुसूचित जाति/जनजाति/अति पिछड़ा वर्ग के लिए 70%।
- सामान्य किसान वर्ग के लिए 50%।
- उद्यमी आधारित परियोजना के लिए 40%।
बहु-स्तरीय आय के अवसर
यह योजना केवल मछली पालन तक सीमित नहीं है। तालाब के चारों ओर किसान बागवानी, कृषि एवं वानिकी अपनाकर अपनी आमदनी में कई गुना वृद्धि कर सकते हैं। पहले से ही अनेक किसानों ने इस मॉडल को अपनाकर बेहतर आय अर्जित की है। इससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
आवेदन की प्रक्रिया
योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान व उद्यमी बिहार सरकार की वेबसाइट या जिला मत्स्य कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। आवेदन की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन उपलब्ध है।
बिहार बना मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर
बिहार ने मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। यहां उत्पादित मछलियां अब न केवल देश के अन्य राज्यों बल्कि विदेशों में भी निर्यात की जा रही हैं। सरकार की यह योजना राज्य के गांवों में आर्थिक क्रांति लाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अधिकारी नियमित रूप से योजनाओं की निगरानी कर रहे हैं ताकि पात्र किसानों और उद्यमियों को समय पर लाभ मिल सके। यह योजना बिहार को मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।