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जम्मू-कश्मीर: रामबन में बादल फटने से तबाही, अब तक 5 की मौत, बचाव कार्य में सेना के संभाला मोर्चा

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना की आठ टुकड़ियों को स्टैंडबाय पर रखा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। सेना के जवान स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल के साथ मिलकर प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं।

पिछले दो दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक कुल पांच लोगों की जान जा चुकी है।


Published: 12:27pm, 21 Apr 2025

जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है । लगातार हो रही बारिश के बीच रामबन में अचानक बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक महिला भी शामिल है। इस हादसे के बाद क्षेत्र में बाढ़ और भूस्खलन जैसी स्थितियां बन गईं, जिससे कई इलाके प्रभावित हुए हैं।

पुलिस और सुरक्षाबलों की तत्परता से करीब 100 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। बताया जा रहा है कि बादल फटने की वजह से पहाड़ से भारी मलबा गांव की ओर आ गया, जिससे कई मकान इसकी चपेट में आ गए। धर्मकुंड गांव, जो चेनाब नदी के पास स्थित है, भूस्खलन की सबसे बड़ी मार झेल रहा है। रामबन में भारी बारिश और भूस्खलन से 200 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।

नेशनल हाईवे-44 (NH-44) पर भी यातायात पूरी तरह बाधित रहा और कई लोग फंसे रह गए। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है, और प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 20 अप्रैल की सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर में औसत से लगभग छह गुना अधिक 16.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी भी जारी की है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रामबन जिला प्रशासन ने 21 अप्रैल 2025 को जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज एवं तकनीकी संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है।

बादल फटने की घटना के बाद भारतीय सेना ने तेजी से राहत अभियान शुरू कर दिया है। नेशनल हाईवे-44 (NH-44) पर फंसे यात्रियों को भोजन, आश्रय और चिकित्सीय सहायता देने के लिए सेना की क्विक रिएक्शन टीमें (QRT) तैनात की गई हैं। सेना की आठ टुकड़ियां स्टैंडबाय पर हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है।

प्रारंभिक आकलन के अनुसार, हाईवे से मलबा हटाने और यातायात को बहाल करने में लगभग 48 घंटे तक का समय लग सकता है। लगातार हो रही बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।

रामबन के अलावा रियासी जिले के अर्नास क्षेत्र में शनिवार देर रात आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक महिला शामिल है। वहीं, एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हुई है। इस प्रकार पिछले दो दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक कुल पांच लोगों की जान जा चुकी है।

रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने बताया कि बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। पुलिस, एसडीआरएफ, सेना, एनजीओ और स्थानीय स्वयंसेवकों की टीमें संयुक्त रूप से राहत कार्यों में जुटी हैं। उन्होंने बताया कि जिले में तेज हवाओं, ओलावृष्टि और भूस्खलन के चलते बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।

YuvaSahakar Desk

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