
इन प्रयोगशालाओं में नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी
आज के दौर में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता हर किसी के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय बन गई है। स्वस्थ जीवन की नींव इस बात पर टिकी है कि हम जो भोजन करते हैं, वह शुद्ध और सुरक्षित हो। इस लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया गया है। केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने ऐलान किया है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MOFPI) वित्तीय वर्ष 2025-26 में देश भर में 100 नई NABL-मान्यता प्राप्त खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना को प्रोत्साहन देगा। यह कदम खाद्य सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
खाद्य परीक्षण का नया दौर
पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, बठिंडा में एक अत्याधुनिक खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन करते हुए रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, “खाद्य उत्पादों का सुरक्षा मानकों पर खरा उतरना और दूषित पदार्थों से मुक्त होना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।” यह प्रयोगशाला अ尖-edge तकनीकों से सुसज्जित होगी, जो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी। यह पहल न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करेगी, बल्कि खाद्य उद्योग को भी मजबूती देगी।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की सौगात
यह अभियान प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) का हिस्सा है, जिसके तहत 205 प्रयोगशाला परियोजनाओं के लिए 503.47 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। अब तक 169 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिनके लिए 349.21 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।
बठिंडा प्रयोगशाला की खासियत
बठिंडा में शुरू हुई नई प्रयोगशाला कीटनाशक अवशेषों, हैवी मेटल्स और सूक्ष्म जैविक संदूषकों की जांच के लिए नवीनतम तकनीकों से लैस है। इसके लिए 253.12 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें से 191.259 लाख रुपये जारी हो चुके हैं। यह सुविधा किसानों, खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं और व्यवसायियों को अपने उत्पादों की शुद्धता जांचने का सुनहरा अवसर देगी।
पंजाब में खाद्य प्रसंस्करण की उड़ान
पंजाब में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में शानदार प्रगति देखने को मिली है। मंत्रालय ने 553 करोड़ रुपये की 24 कोल्ड चेन परियोजनाओं, 70 करोड़ रुपये की तीन कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर परियोजनाओं, 432 करोड़ रुपये की 16 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और 48 करोड़ रुपये की 10 खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं को हरी झंडी दी है। यह प्रयास खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि की राह प्रशस्त करेगा।