
इंडियन डेयरी एसोसिएशन (आईडीए) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने उन्हें यह पुरस्कार सौंपा।
भारत के डेयरी क्षेत्र में क्रांतिकारी योगदान देने वाले डॉ. जगजीत सिंह पुंजराथ को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें पटना में आयोजित एक डेयरी सम्मेलन के दौरान प्रदान किया गया। इंडियन डेयरी एसोसिएशन (आईडीए) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने उन्हें यह पुरस्कार सौंपा। डॉ. पुंजराथ को उनके डेयरी उद्योग में उल्लेखनीय कार्यों के लिए यह सम्मान दिया गया है।
डॉ. पुंजराथ नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के निदेशक रह चुके हैं और उन्होंने ऑपरेशन फ्लड में डॉ. वी. कुरियन के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऑपरेशन फ्लड को दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम माना जाता है, जिसने भारत को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। उनकी रणनीतियों और नवाचारों ने डेयरी क्षेत्र को नई दिशा दी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी कई योजनाओं को IRMA और IIM अहमदाबाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जाता है।
आईडीए के अनुसार, डॉ. पुंजराथ ने भारत और श्रीलंका में डेयरी परियोजनाओं को पुनर्जनन देने में अहम योगदान दिया। उन्होंने औद्योगिक स्तर पर पनीर उत्पादन, यूएचटी (अल्ट्रा-हाई-टेम्परेचर) डेयरी उत्पाद, पनीर स्प्रेड, आइसक्रीम और मीठा गाढ़ा दूध जैसे नवाचारों पर विशेष कार्य किया। एनडीडीबी में उनके नेतृत्व ने डेयरी सहकारी समितियों के लिए सतत विकास का मार्ग प्रशस्त किया। उनका वैश्विक प्रभाव भी उल्लेखनीय है, क्योंकि उन्होंने इज़राइल, फ्रांस और श्रीलंका जैसे देशों के साथ सहयोग कर डेयरी अनुसंधान और सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा दिया।
डॉ. पुंजराथ का यूएचटी डेयरी उत्पादों पर काम खासा चर्चित रहा। इस तकनीक में दूध को उच्च तापमान पर गर्म कर बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीवों को नष्ट किया जाता है, फिर इसे एसेप्टिक पैकेजिंग में संग्रहित किया जाता है, जिससे यह बिना रेफ्रिजरेशन के लंबे समय तक सुरक्षित रहता है।
हर साल डेयरी सेक्टर में उत्कृष्ट योगदान के लिए आईडीए यह पुरस्कार प्रदान करता है। डॉ. पुंजराथ का यह सम्मान उनके उस समर्पण का प्रमाण है, जिसने डेयरी उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और लाखों किसानों के जीवन को बेहतर बनाया। उनका योगदान आज भी प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।