
समय-समय पर दूध की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े होते रहते हैं। NDBB ने इन्ही चिंताओं को दूर करने का खाका तैयार कर लिया है।
दिल्ली-NCR (Delhi NCR) में डेयरी (Dairy) और दूध के उप्तादों (Milk Products) की सेहत उधारने वाली है। नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (NDBB) ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसके बाद दिल्ली-NCR के लोगों को अच्छी गुणवत्ता के दुग्ध उत्पाद (Milk Product) मिल सकेंगे। इस संबंध में दिल्ली (Delhi) में एक बड़ी मीटिंग आयोजित की गई थी, जिसमें एनडीडीबी (NDBB), केंद्रीय डेयरी और पशुपालन मंत्रालय (Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying), एनसीआरपीबी (NCRPB), कोऑपरेटिव (Cooperative), एफपीओ (FPO) और प्राइवेट डेयरियों के अधिकारी और संचालक मौजूद थे।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में दूध (Milk) की खपत बहुत अधिक है। चाय-कॉफी, दही-पनीर से लेकर मिठाई बनाने तक में दूध का उपयोग किया जाता है। इस क्षेत्र में छोटे-छोटे डेयरी किसानों और बड़े ब्रांडों के संयुक्त प्रयास से दूध की मांग पूरी की जाती है। दिल्ली-एनसीआर में हर रोज लगभग 85 से 90 लाख लीटर दूध की आवश्यकता होती है, जिसे अमूल, मदर डेयरी और हरियाणा की वीटा डेयरी जैसे प्रमुख ब्रांड पूरा करते हैं।
लेकिन समय-समय पर दूध की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े होते रहते हैं। NDBB ने इन्ही चिंताओं को दूर करने का खाका तैयार कर लिया है। एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह ने कहा कि प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने, दूध की गुणवत्ता तय करने, और बेहतर पशु प्रजनन, चारे और स्वास्थ्य की मदद से पशु उत्पादकता में सुधार लाने की आवश्यकता है।
डॉ. मीनेश शाह ने एनसीआर के लिए अपशिष्ट प्रबंधन (गोबर) के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने सर्कुलर डेयरी मॉडल की क्षमता पर जोर दिया, जिसमें गोबर का एक मूल्यवान संसाधन के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके तहत बायोगैस, खाद मूल्य श्रृंखला का निर्माण होता है, जो किसानों की आय बढ़ाने, विकास को प्रोत्साहित करने और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने में मददगार है। उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में हुई चर्चा एनसीआर के डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यात्मक योजना की मजबूत नींव रखेगी।
केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में एडिशन सेक्रेटरी वर्षा जोशी ने डेयरी को आर्थिक विकास का एक प्रमुख वाहक बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की कार्यात्मक योजना आधुनिक तकनीकों के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करेगी और उपभोक्ताओं को सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले दूध और दुग्ध उत्पादों की सप्लाई तय करेगी।