केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट भाषण में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए। सीतारमण ने कहा कि एग्रीकल्चर एसएमई और एक्सपोर्ट सहित हमारा ध्यान विकास के चार इंजन पर रहा है।
आम बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमति निर्मला सीतारमण ने ‘किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की घोषणा की। इसके अलावा, बिहार में मखाना बोर्ड बनाने की भी घोषणा की गई। इससे बिहार में मखाना के काम में लगे छोटे किसानों और व्यापारियों को फायदा मिलेगा। किसानों के लिए प्रधानमंत्री धनधान्य योजना का भी एलान वित्तमंत्री द्वारा किया गया।
धनधान्य योजना के लिए पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा। ये ऐसी जगह होंगी, जहां पर उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की की क्षमता को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 7.7 करोड़ किसानों को अल्पकालिक लोन की सुविधा दी जाएगी। वहीं, यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए असम में यूरिया संयंत्र में उत्पादन शुरू किया गया है। इसमें 12.78 लाख मीट्रिक टन की क्षमता वाला संयंत्र स्थापित किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों के उत्पादन पर भी ध्यान दिया जाएगा। सरकार छह साल का मिशन शुरू करेगी। इसके तहत दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी।
नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी । यहां से पंजीकृत किसान दालों की खरीद कर पाएंगे। खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता कै लिए राष्ट्रीय तेल मिशन को चला रही है।10 साल पहले सरकार ने ठोस प्रयास किए थे और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि अब सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर ध्यान दे रही है। इसका विवरण दिया गया है।
केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से 4 साल के दौरान एजेंसियां दलहन खरीदेंगी। सरकार ने कपास की खेती के किसानों के लिए भी दूरगामी रणनीति का एलान किया, कपास की पैदावार को बढ़ाने के लिए अगले पांच साल का मिशन तैयार किया गया है, इससे देश का कपड़ा उद्योग मजबूत होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह बजट सरकार की विकास को बढ़ाने, सभी के डेवलपमेंट, मिडिल क्लास की क्षमता को बढ़ाने के लिए समर्पित है। हमने इस सदी के 25 साल पूरा करने जा रहे हैं। हमारी विकसित भारत की उम्मीदों ने हमें प्रेरणा दी है। हमारी अर्थव्यवस्था सभी बड़ी इकोनमी में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।’