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Budget 2025: कृषि बनेगा विकसित भारत की विकास यात्रा का पहला इंजन

प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना में देश के 100 सबसे पिछड़े जिलों को शामिल किया जाएगा, जिसके लिए 1.7 करोड़ किसानों को मदद दी जाएगी।

Published: 14:31pm, 01 Feb 2025

  • केसीसी का दायरा बढ़ा, सस्ता ऋण, सिंचाई की सुविधा और मिले गोदाम
  • प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना होगी शुरु

केंद्र सरकार ने कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्र को देश के विकास का पहला इंजन मानते हुए वर्ष 2025 के आम बजट में उसे प्राथमिकता दी है। भारत की विकास संभावनाओं और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए कृषि को और प्रोत्साहन की आवश्यकता है। संसद में आम बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि राज्यों की भागीदारी के साथ प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरु की जाएगी। इस समग्र योजना के तहत फसलों की उत्पादकता वृधि से उत्पादन बढाने, फसलों में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) अपनाने, फसल कटाई के बाद (पोस्ट हार्वेस्टिंग) भंडारण बढ़ाने, सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करने, दीर्घ-अवधि और लघु-अवधि, ऋण की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाने का लक्ष्य रखा गया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा।

कृषि में रोजगारः

राज्यों की साझेदारी से एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा। इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में रोजगार के अवसर सृजित करना होगा। आम बजट में इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने का प्रयास किया गया है। भविष्य में खाद्य और पोषाहारी सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्मा लाइनों वाला दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा।

केसीसी की सीमा बढ़ीः

लघु व सीमांत किसानों को सस्ते व कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। किसानों के लिए यह बड़ी राहत है, जिससे उन्हें साहूकारों से ऋण लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। देश के 7.7 करोड़ किसानों, डेयरी संचालकों, पशुपालकों और मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के मार्फत रियायती ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने आम बजट में ग्रामीण विकास के माध्यम से किसानों, गरीबों, वंचितों, ग्रामीण महिलाओँ, छोटे किसानों और युवाओं को विशेष ध्यान दिया है।

तूर, उड़द व मसूर में आत्मनिर्भरताः

देश की खाद्य सुरक्षा को महफूज रखने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में दलहन उत्पादन में वृद्धि के लिए अरहर (तूर), उड़द और मसूर पर विशेष फोकस करने का प्रावधान किया गया है। दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने एक छह वर्षीय अभियान शुभारंभ करेगी। सरकार की सहकारी क्षेत्र की केंद्रीय एजेंसियां (नेफेड और एनसीसीएफ) अगले चार वर्षों के दौरान किसानों से मिलने वाली इन तीन दालों को अधिकतम स्तर पर खरीदने को तैयार रहेगी।

फसलों व सब्जियों के लिए व्यापक योजनाः

वित्तमंत्री ने आम बजट में बागवानी फसलों के लिए व्यापक कार्यक्रम की घोषणा की है। इसके तहत सब्जियों और फलों के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की रही है, जिससे उत्पादन, प्रोसेसिंग और निर्यात पर जोर दिया जाएगा। कृषि और इससे सम्बद्ध गतिविधियों को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहन देने के लिए इसमें अन्य उपायों के साथ कपास उत्पादकता के लिए एक पांच वर्षीय अभियान और उच्च पैदावार करने वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन शामिल हैं।

धन-धान्य योजना में 100 पिछड़े जिले के पौने दो करोड़ किसानः

प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना में देश के 100 सबसे पिछड़े जिलों को शामिल किया जाएगा, जिसके लिए 1.7 करोड़ किसानों को मदद दी जाएगी। इन जिलों में फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए हर तरह की मदद मुहैया कराई जाएगी। राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन चालू किया जाएगा, जिससे उच्च पैदावार, कीट प्रतिरोधा और जलवायु अनुकूलन के गुणों से संपन्न बीजों का लक्षित विकास व प्रचार किया जाएगा। इसके अलावा पांच वर्षीय कपास उत्पादकता मिशन शुरु किया जाएगा, जिससे उच्च क्वालिटी व लंबे रेशे वाले कपास का उत्पादन हो सकेगा।

बिहार में मखाना बोर्डः

देश और विदेशों में मखाना की मांग को देखते हुए वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने बजट में बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना का प्रावधान किया है। इसके तहत मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संबर्धन और विपणन में सुधार और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का गठन किया जाएगा। विकसित भारत की आकांक्षा को पूरा करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि, एसएसएमई, निवेश और निर्यात को यात्रा का ईंजन बताया है। बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में कोसी नदी से नहरें निकाली जाएंगी, जिसके लिए आम बजट में प्रावधान किया गया है।

मछुआरों का बदलेगा जीवनः

मत्स्य व जलीय क्षेत्र की संभावनाओं को देखते हुए विशेष योजना शुरु की जाएगी, जिससे समुद्र तटीय क्षेत्र के मछुआरों के जीवन में बदलाव आएगा। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा समुद्री उत्पादों के निर्यातक देश है। इसे और मजबूत बनाने और वैश्विक बाजार में अपनी पैठ बनाने के लिए आम बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। गुणवत्तायुक्त समुद्री उत्पादों के निर्यात को सहज बनाया जाएगा। इसके लिए विशेष प्रावधान किया गया है।

लेखक: एसपी सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

YuvaSahakar Desk

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