राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु (Droupadi Murmu) ने 13 जनवरी 2025 राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की ओडिशा राज्य सहकारी दूध उत्पादक संघ (OMFED) की पहलों के लिए काउ इंडक्शन, गिफ्टमिल्क और मार्केट सपोर्ट का वर्चुअल उद्घाटन किया. NDDB की उपहार दूध पहल का उद्देश्य स्कूली बच्चों में कुपोषण को दूर करना है, जिसमें हर दिन विटामिन ए और डी से भरपूर 200 मिली फ्लेवर्ड दूध उपलब्ध कराया जाता है.
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की इन पहलों से स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे जो आत्मनिर्भर भारत के मिशन को आगे बढ़ाएगा. इसके साथ ही इसका बड़ा लाभ किसानों को भी होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी. राष्ट्रपति भवन से कार्यक्रम का वर्चुअली उद्घाटन करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ग्रामीण घरेलू आय में पशुधन अहम भूमिका निभाता है. भारत में पशुधन की विभिन्न किस्म की नस्लें हैं. उन सभी नस्लों ने देश की समृद्ध कृषि विरासत में योगदान दिया है. हमारे पशुधन को समर्थन और उसे बढ़ावा देने के लिए, सरकार द्वारा पशुधन के नस्ल विकास और आनुवंशिक उन्नयन के लिए कई उपाय और नीतिगत प्रयास किए गए हैं.
महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दूध और दूध उत्पादों के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां असाधारण हैं. पिछले 10 सालों में हमारे दुधारू मवेशियों की उत्पादकता में भी असाधारण वृद्धि देखी गई है. ये सभी उपलब्धियां पशुपालन में उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, लेकिन इसके बावजूद, पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर और भी बहुत कुछ किया जा सकता है. पशुओं की संख्या और स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान देने से, दूध समेत पशुओं से मिलने वाले खाद्य उत्पादों और अन्य उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा. सभी क्षेत्रों में ऐसे प्रयास करके स्वस्थ भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है.
कार्यक्रम में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि राज्य सरकार ने अगले पांच वर्षों में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री कामधेनु योजना शुरू की है. इस पहल के तहत किसानों को गिर और साहीवाल जैसी देशी नस्लों के पशुओं के पालन के लिए 70 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो अपने उच्च दूध उत्पादन के लिए जाने जाते हैं. सरकार इस योजना के तहत डेयरी फार्मों को 70 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है.
CM माझी ने कहा कि राज्य सरकार डेयरी फार्मों के पशुधन के लिए बीमा प्रीमियम का 85 प्रतिशत वहन कर रही है, जबकि शेष 15 प्रतिशत राशि मालिकों द्वारा भुगतान की जाएगी. कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्य मत्स्य एवं पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मल्लिक और वन एवं पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंहखुंटिया भी शामिल हुए.