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FY2024-25 में GDP की वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान NSO ने जारी किए आर्थिक विकास दर के ताजा आंकड़े

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह जानकारी मंगलवार को भारतीय सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी पहले अग्रिम अनुमान में दी गई। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यह दर 8.2 प्रतिशत थी।

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Published: 13:17pm, 08 Jan 2025

चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी रह सकती है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के ताजा अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी। यदि ऐसा होता है तो पिछले चार वर्ष की यह न्यूनतम विकास दर होगी। NSO ने कहा है कि अगले चार वर्षों में पांच ट्रिलियन डालर की इकोनामी बनने के लिये न्यूनतम 8 प्रतिशत की वृद्धि दर चाहिये।

वित्त वर्ष 2022-23 मे जीडीपी दर 8.2 प्रतिशत रही थी, जो कि वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 6.2 प्रतिशत पर आ गई है। कोरोना काल के बाद के चार वर्षो में जीडीपी दर क्रमश: 9.7 प्रतिशत, सात प्रतिशत, 8.2 प्रतिशत, 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी किया गया। अर्थव्यवस्था की इस मौजूदा स्थिति के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार को आगामी बजट में ठोस कदम उठाने की कड़ी आवश्यकता है। हालांकि इस वृद्धि दर के बावजूद भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा।

NSO के अनुमान के अनुसार कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था को सहारा देगा। इस क्षेत्र की वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। बीते वित्त वर्ष में यह मात्र 1.4 प्रतिशत रही थी। जबकि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर में तेज गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। बीते वित्त वर्ष के 9.9 प्रतिशत से घटकर इसके 5.3 प्रतिशत तक रह जाने का अनुमान है।

NSO के अतिरिक्त भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक ने भी अर्थव्यव्था को लेकर अपने अनुमान लगाये हैं। RBI ने FY25 के लिए अर्थव्यवस्था में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक दोनों ने इसे 7 प्रतिशत पर स्थिर बने रहने की संभावना जताई।

प्रति व्यक्ति आय के बारे में NSO का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रहेगी। पिछले वित्त वर्ष में यह 7.2 प्रतिशत रही थी। वित्त वर्ष 2024-25 में देश की प्रति व्यक्ति आय 131310 रुपये रहने का अनुमान है।

विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है इस स्थिति से निपटने के लिये सरकार को नीतिगत समर्थन और केंद्रीय बैंक को निवेश के प्रोत्साहन पर जोर देना चाहिये। आगामी बजट व मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक जो कि 5 से 7 फरवरी के मध्य होगी। इनके द्वारा लिये गये निर्णय ही इस स्थिति को बेहतर बना पायेंगे।

YuvaSahakar Desk

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