अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गूंज उठा भारत का “सहकार से समृद्धि” (Sahkar Se Samriddhi के नारे को हरियाणा (Haryana) भी अपना रहा है। इसके लिए हरियाणा सरकार (Nayab Saini Government) ने राज्य की सहकारी समितियों (Co-Operative Societies) के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये प्रत्येक गांव में सीएम-पैक्स (कम्प्रीहेंसिव मल्टी पर्पज एक्टिविटी को-ऑपरेटिव सोसायटी) खोलने की योजना तैयार की है।
हरियाण सरकार की ये नई पहल सीएम-पैक्स (CM PACS), राज्य में पहले से संचालित प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों(PACS) से भिन्न होगी। अभी तक पैक्स की मदद से किसानों को ऋण, खाद व बीज उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन सीएम पैक्स की सहायता से राज्य की व्यावसायिक गतिविधियों को संचालन किया जायेगा, जिससे सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश और राज्य के सहकारिता मंत्री ड़ॉ अरविंद शर्मा के मार्गदर्शन में हरको (दी हरियाणा स्टेट को-आपरेटिव अपेक्स बैंक) के चेयरमेन हुकुम सिंह भाटी सीएम-पैक्स खोलने की कार्ययोजना तैयार की है। शुरुआती दौर में कुल 500 सीएम पैक्स खोलने की योजना है, जिनका सफल संचालन इस साल 31 मार्च तक शुरू कर दिया जाएगा। ये सीएम पैक्स 5 एकड़ की जमीन वाले किसानों और गैर कृषि कार्य करने वाले लोगों की सहायता खोले जाएंगे। प्रत्येक सीएम पैक्स में कम-से-कम 11 सदस्य होंगे।
हरियाणा सरकार ने सीएम पैक्स के लिए हिस्सा पूंजी ₹1,000 तय की है। यह राशि रिफंडेबल होगी। वर्तमान में पैक्स के लिए हिस्सा पूंजी ₹20,000 है। इस योजना के तहत गांवों में पेट्रोल पंप, अनाज गोदाम और फसल खरीदकर उन्हें स्टोर करने की सुविधाएं बनाई जाएंगी। इसके अलावा, खाद्य वस्तुओं का उत्पादन और कुटीर उद्योग स्थापित कर लाभ कमाने के प्रयास किए जाएंगे।
हरियाणा राज्य में कुल गांव की संख्या 6742 है। जिन गांवों में वर्तमान में पैक्स कार्यरत हैं फिलहाल उन गांवों में सीएम पैक्स नहीं खुलेंगे। पहले उन्हीं गांवों में सीएम पैक्स की शुरूआत होगी जहां पैक्स नहीं हैं। ये सीएम-पैक्स एक कंपनी की तरह काम करेंगे। इस योजना के सफल संचालन के बाद हरियाणा राज्य भी सहकारिता क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ने मे सफल हो जाएगा।
अपैक्स बैंक ने राज्य में 10 एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन) का भी गठन किया है। हालांकि इन एफपीओ में 300 लोगों को सदस्य बनाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल प्रत्येक एफपीओ में 20-20 लोगों को शामिल करते हुए इनकी शुरुआत कर दी गई है। इनमें पांच एकड़ जमीन से अधिक वाला किसान भी शामिल हो सकता है।