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भारत के फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 1.02 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश निवेश करेंगी दुनियाभर की 26 कंपनियां

26 प्रमुख कंपनियों के इन समझौतों से 64,000 प्रत्यक्ष और 10 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे, जो देश के विभिन्न राज्यों में उद्योग को मजबूती प्रदान करेंगे।

Published: 12:22pm, 30 Sep 2025

राजधानी दिल्ली में 25 से 28 सितंबर तक आयोजित ‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2025’ समिट ने भारत के फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को नई दिशा दी है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित इस चार दिवसीय भव्य आयोजन में 26 बड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने 1,02,046.89 करोड़ रुपये के निवेश हेतु समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए।

यह निवेश भारत के खाद्य प्रसंस्करण इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। इन समझौतों से न केवल उद्योग को नई गति मिलेगी, बल्कि लाखों नागरिकों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, जो सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहलों के अनुरूप हैं।

इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। उद्घाटन सत्र में ही केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग मंत्री चिराग पासवान ने दावा किया था कि समिट में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के समझौते होंगे और उनकी बात पूरी तरह सच साबित हुई। मंत्रालय ने बताया कि इन समझौतों से सीधे 64,000 लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि 10 लाख से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

बड़ी कंपनियों का भरोसा

समझौतों में भाग लेने वाली प्रमुख कंपनियों ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अपना पूर्ण विश्वास व्यक्त किया है। इनमें रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, द कोका-कोला सिस्टम इन इंडिया, गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (अमूल), फेयर एक्सपोर्ट्स (लुलु ग्रुप), नेस्ले इंडिया लिमिटेड, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, कार्ल्सबर्ग इंडिया, बी.एल. एग्रो इंडस्ट्रीज, एबीआईएस फूड्स एंड प्रोटीन्स, एसीई इंटरनेशनल, पतंजलि फूड्स लिमिटेड, गोधरेज एग्रोवेट लिमिटेड, एग्रिस्टो मासा, तिवाना न्यूट्रिशन ग्लोबल, हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडियन पोल्ट्री एलायंस, मिसेज बेक्टर्स फूड स्पेशलिटीज लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, अलाना कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, ओलम फूड इंग्रीडिएंट्स, एबी इनबेव, क्रेमिका फूड पार्क, डेयरी क्राफ्ट, सनडेक्स बायोटेक, नासो इंडस्ट्रीज और ब्लूपाइन फूड्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों के निवेश डेयरी उत्पादों, मांस एवं पोल्ट्री, पैकेज्ड फूड, पेय पदार्थों, मसालों, मिठाइयों, खाद्य तेलों, फल-सब्जियों तथा रेडी-टू-ईट उत्पादों जैसे विविध क्षेत्रों में केंद्रित होंगे। यह विविधता देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को और अधिक मजबूत बनाएगी तथा निर्यात क्षमता को बढ़ाएगी।

सबसे बड़ा निवेश समझौता रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया गया, जिसमें 40,000 करोड़ रुपये की राशि से देश भर में एकीकृत खाद्य विनिर्माण इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इसी प्रकार, कोका-कोला की तीन बॉटलिंग कंपनियों ने संयुक्त रूप से 25,760 करोड़ रुपये (लगभग 2.96 अरब अमेरिकी डॉलर) के निवेश की घोषणा की, जो नए एवं मौजूदा परियोजनाओं में उपयोग होगा।

ये निवेश देश के विभिन्न राज्यों में विस्तारित होंगे, जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र शामिल हैं। इससे इन राज्यों में स्थानीय स्तर पर उद्योग विकास होगा, किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध होगा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। सरकार की नीतियों के अनुरूप, ये निवेश सतत विकास, नवाचार तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर आधारित हैं, जो पर्यावरण संरक्षण एवं गुणवत्ता मानकों को प्राथमिकता देंगे।

ये सभी निवेश डेयरी, मांस और पोल्ट्री, पेय पदार्थ, मसाले, मिठाई, पैकेज्ड फूड, खाद्य तेल, फल-सब्जियां और रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स सहित कई क्षेत्रों में किए जा रहे हैं।

इनवेस्ट इंडिया ने मंत्रालय के साथ मिलकर इन निवेश समझौतों को अंतिम रूप देने में अहम भूमिका निभाई। इस समिट ने भारत को वैश्विक स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण के लिए एक विश्वसनीय गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि निवेशकों और उद्योगों के साथ मिलकर इन समझौतों को शीघ्र लागू करने की दिशा में काम किया जाएगा।

YuvaSahakar Desk

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